Highlights
- फिर से नियुक्ति का आदेश फरवरी 2021 में जारी किया गया
- पुनर्नियुक्ति को रद्द करने के आदेश को HC ने किया खारिज
- पहली बार फरवरी 2017 में कुलपति नियुक्त किया गया था
West Bengal News: कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें मौलाना अबुल कलाम आजाद टेक्निकल यूनिवर्सिटी (MAKAUT) के कुलपति के तौर पर प्रोफेसर सैकत मैत्रा की पुनर्नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। इसके साथ ही अदालत ने प्रोफेसर मैत्रा को तीन दिनों के भीतर पद पर बहाल करने का निर्देश दिया।
मलायेंदु साहा को कुलपति का अस्थायी प्रभार सौंपा गया था
मैत्रा को राज्य की ओर से संचालित विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर फिर से नियुक्त करने का एक आदेश फरवरी, 2021 में जारी किया गया था, जिसे इस साल जुलाई में रद्द कर दिया गया और एक अन्य व्यक्ति को अस्थायी प्रभार दे दिया गया था। न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने उच्च शिक्षा विभाग के सहायक सचिव की ओर से 29 जुलाई, 2022 को जारी वह आदेश निरस्त कर दिया, जिसके तहत पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर मलायेंदु साहा को कुलपति का अस्थायी प्रभार सौंपा गया था।
'मैत्रा को कुलपति के पद पर बहाल किए जाने की अनुमति दें'
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस आदेश की तारीख से तीन कार्य दिवसों के भीतर प्रोफेसर मैत्रा को कुलपति के पद पर बहाल किए जाने की अनुमति दें। मैत्रा को पहली बार फरवरी, 2017 में मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था और उसके बाद उन्हें फरवरी, 2021 में दोबारा नियुक्त किया गया था।
'सरकार को यह तो पता होना चाहिए कि आदेश कैसे दिए जाते हैं'
इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस कौशिक चंद ने सोमवार को सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि सरकार को यह तो पता होना चाहिए कि आदेश कैसे दिए जाते हैं। सरकार ने MAKAUT के वीसी की सेवा समाप्त कर दी है। जस्टिस चंद ने आदेश दिया है कि इस मामले में सात दिनों तक यथास्थिति बनी रहेगी और मंगलवार को इसकी सुनवाई होगी। एडवोकेट उत्तम कुमार मंडल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि MAKAUT के वीसी सैकत मैत्रा को 29 जुलाई को रात सात बजे के करीब एक मेल भेज कर बता दिया गया कि उनकी सेवा समाप्त की जा रही है।