पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच तीखी नोकझोंक की ताजा कड़ी में राजभवन ने राज्य सरकार को राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र पेश करने का आदेश दिया। वेस्ट बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल वित्तीय संकट से जूझ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने ममता बनर्जी सरकार से राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र लाने को कहा। बोस ने इससे पहले नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। उनका बयान इस मुलाकात के बाद आया है।
क्या कहा गया बयान में?
राजभवन की तरफ से जारी किए गए एक बयान में राज्यपाल ने कहा, "पश्चिम बंगाल की आर्थिक स्थिति कई राजकोषीय जोखिमों और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन के मुद्दों का सामना कर रही है, जो (राज्य) सरकार की गंभीर खामियों को उजागर करती है। वेस्ट बंगाल वित्तीय संकट का सामना कर रहा है और बहुत परेशान करने वाला, स्तब्ध करने वाला है।"
बयान में कहा गया है, "आर्थिक परिदृश्य की गंभीर प्रकृति को देखते हुए राज्यपाल ने सीएम से संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत प्रदत्त प्राधिकार के तहत, संविधान के अनुच्छेद 166 के तहत पश्चिम बंगाल के लिए कार्य नियम के नियम 30 के साथ मिलकर, मंत्रिपरिषद के समक्ष राज्य की वित्तीय स्थिति पर एक व्यापक रिपोर्ट पेश करने और राज्य के लोगों की जानकारी के लिए एक श्वेत पत्र जारी करने का आग्रह किया है।"
मानहानि का मुकदमा दायर करने दायर करने के बाद आया ये बयान
बता दें कि राजभवन का यह बयान राज्यपाल सी वी आनंद बोस द्वारा शुक्रवार (28 जून) को कलकत्ता उच्च न्यायालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने के एक दिन बाद आया है। यह मुकदमा बनर्जी के इस दावे के बाद किया गया है कि महिलाओं ने उनसे शिकायत की थी कि वे राजभवन में होने वाली गतिविधियों के कारण वहां जाने से डरती हैं।
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