कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में सभी पार्टियों ने चुनाव को लेकर तैयारी करनी शुरु कर दी है। ममता बनर्जी ने आज बंगाल में हिंदू दरिद्र ब्राह्मणों के लिए पुरोहित भत्ता की घोषणा की है। राज्य में अब 1000 रुपए प्रति महीने पुरोहित भत्ता दिया जाएगा। पिछले कई सालों से पुरोहितों के संगठन की ओर से यह मांग की जा रही थी। अब तक लगभग 8000 ऐसे पुरोहितों के नाम राज्य सरकार को मिले हैं। साथ ही ममता ने यह भी कहा की अगर ईसाई या पारसी समाज के लोग भी अगर हमारे पास इस तरह की मांग करते हैं तो हम उन्हें भी पूरा करने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चौधरी को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का अध्यक्ष तत्काल प्रभाव से नियुक्त किया। हाल ही में पश्चिम बंगाल पीसीसी के अध्यक्ष सोमेन मित्रा के निधन के कारण यह पद खाली हो गया था।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी इससे पहले भी फरवरी, 2014 से सितंबर, 2018 तक पश्चिम बंगाल पीसीसी के अध्यक्ष रह चुके हैं। बहरामपुर से लोकसभा सदस्य चौधरी के लिए नयी जिम्मेदारी इस मायने में महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण भी है कि पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
बंगाल में वाम मोर्चे के साथ गठबंधन को तैयार है कांग्रेस: अधीर रंजन
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ माकपा की अगुवाई वाले वाम मोर्चे के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में बुनियादी लड़ाई धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता के बीच है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद चौधरी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष आदर्श भाजपा एवं तृणमूल की सांप्रदायिक बयानबाजी को पराजित करेंगे। तृणमूल कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ कांग्रेस वाम मोर्चे के साथ मिलकर पूरे जोश से लड़ना चाहती है।’’
उल्लेखनीय है कि 2016 में में वाम मोर्चे के साथ कांग्रेस ने गठबंधन किया था, हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में यह गठबंधन टूट गया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने कहा, ‘‘हम माकपा और दूसरे वाम दलों के साथ समझौता कभी खत्म नहीं करना चाहते थे, लेकिन माकपा को शायद यह लगा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली। बहरहाल, कांग्रेस ने ऐसा कभी नहीं सोचा।’’