उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग को लेकर वेस्ट बंगाल के शिक्षा मंत्री का एक बड़ा बयान सामने आया है। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग को एक 'बीमारी' करार दिया, जिसे सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी से खत्म किया जाना चाहिए।उन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सीनियर और जूनियर छात्रों को रैगिंग के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
'सीनियर और जूनियर छात्रों को एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव और सम्मान दिखाने आग्रह करता हूं'
ब्रत्य बसु ने कहा, "कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन की जहां रैगिंग के प्रति कई बर्दाश्त नहीं करने वाले नीति है, वहीं छात्रों को भी इस बुराई के खिलाफ जागरूक किया जाना चाहिए। मैं सीनियर छात्रों से जूनियर छात्रों के प्रति प्रेम भाव दिखाने का अनुरोध करता हूं। साथ ही, मैं जूनियर छात्रों से भी सीनियर छात्रों का सम्मान करने और उनके प्रति प्रेम भाव दिखाने का आग्रह करता हूं।"
राज्य के शिक्षा मंत्री ने सात अगस्त को राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू होने से पहले यह टिप्पणी की। पिछले वर्ष 10 अगस्त को जादवपुर विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के स्नातक छात्र की कथित तौर पर रैगिंग के बाद हुई मौत की घटना पर बसु ने कहा कि संस्थान के अधिकारियों ने कई कदम उठाए हैं और उन्हें अद्यतन जानकारी दी जा रही है।
'दिल्ली विश्वविद्यालय रैगेंग के समाधान के लिए नए सत्र से पहले दो संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगा'
बीते कुछ दिन पहले दिल्ली विश्वविद्यालय ने जानकारी दी थी कि नए शैक्षणिक वर्ष की शुरूआत से पहले रैगिंग की शिकायतों के समाधान के लिए दो संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगा। दिल्ली पुलिस के समन्वय से छात्रों का विश्वविद्यालय में परिचय कार्यक्रम सुचारू रूप से संचालित किया जाना सुनिश्चित करने के लिए उत्तरी और दक्षिणी परिसरों के लिए एक-एक नियंत्रण कक्ष एक से 10 अगस्त के बीच चालू रहेंगे। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा था कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए विश्वविद्यालय और प्रत्येक कॉलेज परिसर के बाहर सामान्य कपड़ों में महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
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