कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कथित राशन वितरण घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद अब उनके खाते से एक रुपया भी नहीं निकाला जा सकेगा। वहीं सूत्रों के अनुसार, ED अब उनकी संपत्ति को कुर्क करने की भी तैयारी कर रही है।
मैं बहुत बड़ी साजिश का शिकार हुआ- ज्योतिप्रिय मल्लिक
बता दें कि गुरुवार को मलिक के ठिकानों पर ED ने छापा मारा था। इसके बाद उनसे पूछताछ भी की गई थी, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया था। ED ने उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद ED ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने 6 नवंबर तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। वहीं ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के मंत्री ने कहा, "मैं बहुत बड़ी साजिश का शिकार हुआ हूं।"
ज्योतिप्रिय मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि यह साजिश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेता शुभेंदु अधिकारी ने रची है जो पहले तृणमूल कांग्रेस पार्टी में पूर्व सहयोगी थे। ईडी ने इससे पहले मंत्री बकिबुर रहमान के एक विश्वासपात्र को गिरफ्तार किया था जिसकी रिमांड इस सप्ताह खत्म होने वाली है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी मामले में घटनाक्रमों के बारे में दोनों का बयान जानने के लिए उन्हें आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है।
सीएम बनर्जी के निर्देश पर हुआ घोटाला- बीजेपी
इस मामले पर अब पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बयान जारी किया है। शुभेंदु अधिकारी ने इस बाबत कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है। यहां पीडीएस प्रणाली और धान खरीद में अनियमितताएं की गई हैं। इसमें न केवल चावल मिल मालिक बल्कि नौकरशाह भी शामिल है। यह सब सीएम ममता बनर्जी के निर्देश पर हुआ है। राइस मिल मालिकों ने फर्जी खाते खोले हैं जिसके जरिए केंद्र से वो पैसा ले रहे हैं।
गुरुवार को मंत्री के घर ईडी ने की थी तलाशी
केंद्रीय एजेंसी ने गुरुवार को मलिक के परिसरों पर तलाशी शुरू की थी। ईडी ने मध्य कोलकाता में एमहर्स्ट स्ट्रीट पर उनके पैतृक आवास की भी तलाशी ली। राशन घोटाला सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कोविड लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न वितरण में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। इससे पहले गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछताछ के दौरान मलिक को कुछ भी होने की स्थिति में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की चेतावनी दी थी क्योंकि वह बीमार थे और उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां थीं। बनर्जी ने विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी की छापेमारी को भाजपा की ‘‘एक गंदी राजनीति’’ बताया।
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