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बंगाल: एक दिन में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा केस, 8426 नए संक्रमित मिले

पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 8,426 नए मामले सामने आए, वहीं 38 लोगों की संक्रमण से मौत हो गई। राज्य में सामने आए एक दिन में संक्रमण के ये सर्वाधिक मामले हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 19, 2021 23:24 IST
बंगाल: एक दिन में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा केस, 8426 नए संक्रमित मिले- India TV Hindi
Image Source : AP बंगाल: एक दिन में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा केस, 8426 नए संक्रमित मिले

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 8,426 नए मामले सामने आए, वहीं 38 लोगों की संक्रमण से मौत हो गई। राज्य में सामने आए एक दिन में संक्रमण के ये सर्वाधिक मामले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। राज्य में संक्रमण के मामले 6.68 लाख से अधिक हो गए हैं, वहीं संक्रमण से 10,606 लोगों की मौत हो चुकी है। 

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले 24घंटे में राज्य भर में 4,608 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं। उपचाराधीन मामले 50 हजार से अधिक होने के कारण संक्रमण से ठीक होने की दर गिर कर 90.42 प्रतिशत हो गई है। विभाग ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 53,418 उपचाराधीन मामले हैं, जो काफी बड़ा आंकड़ा है। 

दोनों कोविड लहरों में 70% से अधिक संक्रमितों की उम्र 40 साल से ज्यादा

केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दोनों ही लहरों में 70 प्रतिशत से अधिक कोविड-19 रोगियों की उम्र 40 साल से ज्यादा रही और उम्रदराज लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक बना हुआ है। 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती रोगियों में मृत्यु के मामलों में पहली और दूसरी लहर में कोई फर्क नहीं है। हालांकि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग अधिक है जबकि वेंटिलेटर की मांग अधिक नहीं है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 की मौजूदा दूसरी लहर में सांस लेने में परेशानी की समस्या थोड़ी ज्यादा सामने आ रही है लेकिन गले में खराश और सूखी खांसी व अन्य ऐसे लक्षण पहली लहर में ज्यादा सामने आ रहे थे। 

भार्गव ने कहा, ‘‘अस्पताल में भर्ती रोगियों में पहली और दूसरी लहर में मृत्यु के मामलों में कोई अंतर नहीं है। दूसरी लहर में करीब 54.5 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन की जरूरत हुई, जबकि पहली लहर में यह जरूरत 41.5 प्रतिशत थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी लहर में बिना लक्षण वाले रोगियों की संख्या भी अपेक्षाकृत अधिक है।’’ भार्गव ने पहली लहर के 7,600 और दूसरी लहर में संक्रमित हुए 1,885 रोगियों पर किये गये अध्ययन के आधार पर यह बात कही।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि पहली लहर में 31 प्रतिशत संक्रमितों की उम्र 30 साल से कम थी, इस बार यह संख्या 32 प्रतिशत तक है। उन्होंने कहा कि इस तरह कोई विशेष अंतर नहीं है। 

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