कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के 5 महीने बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 58,835 मतों के अंतर से भवानीपुर उपचुनाव में रविवार को शानदार जीत हासिल की। इससे पहले बनर्जी नंदीग्राम सीट से चुनाव हार गई थीं। कोलकाता के शहरी क्षेत्र में भवानीपुर सीट से बनर्जी की जीत ने गृह राज्य में उनकी लोकप्रियता को रेखांकित किया है। मुख्यमंत्री बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्य में 2 अन्य सीटों पर हुए उपचुनाव में भी जीत दर्ज की है। मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज और जंगीपुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की है।
ममता बनर्जी को 85,263 वोट मिले
दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर सीट से टीएमसी उम्मीदवार ममता बनर्जी को 85,263 वोट मिले। उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रियंका टिबरेवाल को 26,428 मत मिले, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के श्रीजीव विश्वास को 4226 मत मिले। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं भवानीपुर और पश्चिम बंगाल के लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जो इन नतीजों का इंतजार कर रहे थे। नंदीग्राम में मुझे हराने के लिए जो षड्यंत्र रचा गया था, उसका भवानीपुर की जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। मैं अदालत में विचाराधीन मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती। मतगणना समाप्त हो गई है, और हमने सीट जीत ली है।’’
बनर्जी ने निर्वाचन आयोग को धन्यवाद दिया
मुख्यमंत्री इससे पहले नंदीग्राम सीट अपने पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं, जो अब राज्य विधानसभा में भाजपा के विपक्ष के नेता हैं। हार के बाद बनर्जी ने चुनाव परिणाम को कानूनी चुनौती दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह पहली बार है जब हमने इस निर्वाचन क्षेत्र के सभी (नगर पालिका) वार्डों में जीत हासिल की है। इस बार जीत का अंतर बहुत ज्यादा है।’’ बनर्जी ने छह महीने के भीतर चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग को धन्यवाद दिया। बनर्जी ने दावा किया, ‘‘जब से बंगाल में विधानसभा चुनाव शुरू हुए, केंद्र ने हमें सत्ता से हटाने की साजिश रची।’’ बनर्जी ने 2011 से इस सीट पर तीन बार जीत दर्ज की है।
सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने खाली कर दी भवानीपुर सीट
नंदीग्राम में बनर्जी की हार के बाद, राज्य के मंत्री सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने विधानसभा में उनकी वापसी की राह आसान बनाने के लिए भवानीपुर सीट खाली कर दी थी। टीएमसी ने अप्रैल-मई विधानसभा चुनाव में करीब 28,000 मतों के अंतर से भवानीपुर सीट जीती थी। इस सीट पर 2011 के बाद से ही टीएमसी का कब्जा है। भवानीपुर महानगर कोलकाता की भाषाई और जातीय विविधता को दर्शाता है और यहां बांग्ला भाषी लोगों के साथ-साथ पंजाबी, गुजराती और हिंदी भाषी लोगों की अच्छी खासी आबादी है।
टिबरेवाल ने हार स्वीकार करते हुए दीदी को दी बधाई
भवानीपुर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि उन्होंने लोगों के फैसले को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार कर लिया है। हालांकि उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी ने मतदान में धांधली की थी। टिबरेवाल ने दावा किया, ‘‘मैं जनता के फैसले को स्वीकार करती हूं, दीदी को मेरी बधाई। मैंने लड़ाई लड़ी, दीदी (बनर्जी) की जीत के बारे में निश्चिंत होने के बावजूद टीएमसी ने बड़े पैमाने पर वोटों में हेराफेरी करने के लिए काम किया। मैंने मतदान के दिन इसका खुलासा किया था।’’
जंगीपुर में जाकिर हुसैन तो शमशेरगंज में अमीरुल इस्लाम ने जीत दर्ज की
भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपेक्षित शानदार जीत के बाद मुर्शिदाबाद जिले के शमसेरगंज और जंगीपुर में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवारों ने प्रभावशाली जीत दर्ज की। टीएमसी के जाकिर हुसैन ने जंगीपुर में 92,480 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। जंगीपुर में टीएमसी उम्मीदवार जाकिर हुसैन को 1,36,444 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुजीत दास को 43,964 वोट मिले हैं। हुसैन को 92,480 मतों के अंतर से विजयी घोषित किया गया। रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के जेन आलम मियां के अलावा कोई भी प्रत्याशी 4 अंकों तक नहीं पहुंचा।
वहीं शमशेरगंज में टीएमसी उम्मीदवार अमीरुल इस्लाम ने 26,379 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। इस्लाम को 96,417 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के जायदुर रहमान को 70,038 वोट मिले हैं। एक समय मुर्शिदाबाद को कांग्रेस को गढ़ माना जाता था। जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में टीएमसी की जीत ने कांग्रेस को पश्चिम बंगाल राज्य में मुश्किल स्थिति में डाल दिया है।