पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच नया विवाद होना तय है। राज्य की विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा सत्र तय समय से दो दिन पहले शुरू हो रहा है। ऐसे में यहां शुक्रवार (5 जुलाई) को दोपहर दो बजे विधानसभा सत्र शुरू होगा। इस स्थिति में राज्यपाल सीवी आनंद बोस उद्घाटन भाषण नहीं दे सकेंगे। इससे राज्य सराकर और राज्यपाल के बीच टकराव होना तय है।
पश्चिम बंगाल में परंपरा रही है कि विधानसभा सत्र से पहले राज्यपाल उद्घाटन भाषण देते हैं। हालांकि, ममता सरकार ने तय समय से दो दिन पहले ही विधानसभा सत्र शुरू करने का फैसला किया है। इस वजह से राज्यपाल को उद्घाटन भाषण देने का मौका नहीं मिलेगा।
क्यों पहले शुरू हो रहा विधानसभा सत्र?
पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने बताया कि राज्य में बकाया काम के दबाव के कारण तय समय से पहले विधानसभा सत्र शुरू किया जा रहा है। इससे पहले विधानसभा सत्र की तारीख रविवार (7 जून) तय की गई थी। बिमान बनर्जी ने कहा "हमें पत्र मिला है कि संसदीय कार्य विभाग की हमारी स्थायी समिति का कार्यकाल 8 जुलाई को समाप्त हो जाएगा, जिसके कारण हम 8 जुलाई को काम नहीं कर पाएंगे। इसे ध्यान में रखते हुए हमने कल 5 जुलाई को सत्र बुलाया है। हमारी बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी। उसमें हम तय करेंगे कि क्या किया जा सकता है।""
राज्यपाल और ममता सरकार के बीच टकराव
पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और ममता बनर्जी की सरकार के बीच लंबे समय से टकराव जारी रहा है। राज्य में हुए हिंसा के मामलों के लिए भी दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं। एक महिला ने राज्यपाल पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर टीएमसी नेता लगातार राज्यपाल पर हमलावर रहे हैं। वहीं, संदेशखाली के मुद्दे पर राज्यपाल कई बार राज्य सरकार की आलोचना कर चुके हैं।
(कोलकाता से ओंकार की रिपोर्ट)
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