Friday, November 22, 2024
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तो अब पश्चिम बंगाल का नहीं होगा विभाजन, विधानसभा में पारित हुआ ये खास प्रस्ताव, जानिए BJP का क्या रहा रुख?

पश्चिम बंगाल के विभाजन कर के दो राज्य बनाए जाने की मांग काफी समय से उठ रही थी। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल के विभाजन की बात बीजेपी के नेता लोग कर रहे हैं। इसी को लेकर आज विधानसभा में खास प्रस्ताव पारित हुआ है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Updated on: August 05, 2024 14:58 IST
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य को विभाजित करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ एक प्रस्ताव सोमवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस प्रस्ताव पर एकमत दिखीं, जो कि दुर्लभ है।

राज्य के विभाजन के खिलाफ- BJP

मालूम हो कि बीजेपी पर पश्चिम बंगाल के विभाजन की मांग को हवा देने के आरोप लगते रहे हैं। इस दौरान बीजेपी ने स्पष्ट किया है कि वह राज्य के विभाजन के विचार के खिलाफ हैं। बीजेपी ने कहा कि दरअसल वह पश्चिम बंगाल का, खासकर उत्तरी जिलों का विकास चाहती है। 

खास प्रस्ताव पर क्या बोलीं ममता?

प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'हम सहकारी संघवाद में यकीन करते हैं। हम राज्य को विभाजित करने की किसी भी कोशिश के खिलाफ हैं। इस दौरान सदन में तीखी चर्चा भी हुई।

पश्चिम बंगाल का चाहते हैं समग्र विकास- शुभेंदु अधिकारी

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने प्रस्ताव में यह पंक्ति शामिल करने का प्रस्ताव रखा कि 'हम संयुक्त पश्चिम बंगाल का समग्र विकास चाहते हैं।' उन्होंने जोर देकर कहा कि हम पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की किसी भी कोशिश का विरोध करते हैं। ममता बनर्जी ने शुभेंदु के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, इसके बाद यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया। 

पिछले साल ध्वनि मत से पारित हुआ था प्रस्ताव

बता दें कि उत्तरी पश्चिम बंगाल को मिलाते हुए एक अलग केंद्र-शासित प्रदेश बनाने की विभिन्न तबकों की मांग के बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नियम 185 के तहत सदन में प्रस्ताव पेश किया। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य को विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ पिछले साल फरवरी में भी ध्वनि मत से इसी तरह का प्रस्ताव पारित किया था। 

भाषा के इनपुट के साथ

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