लोकसभा चुनाव के छठे चरण में मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल से हिंसक झड़प की खबरें सामने आई है, जिसमें झाड़ग्राम में भाजपा नेता के काफिले पर हमला हुआ है। जानकारी के मुताबिक झारग्राम सीट से उम्मीदवार प्रणत टुडू की टीम पर हमला हुआ, जिसमें उनके कुछ सुरक्षाकर्मी घायल हो गए और खुद भाजपा नेता जान बचाकर भागते नजर आए। भाजपा ने इस हमले का आरोप पश्चिम बंगाल के सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस पर लगाया है। भाजपा का आरोप है कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने टुडू के काफिले पर उस समय हमला किया जब टुडू राज्य के पश्चिमी मिदनापुर जिले के गरबेटा इलाके में एक मतदान केंद्र का दौरा कर रहे थे। कहा जा रहा है कि मतदान के दौरान गरबेटा में मतदाताओं को धमकाए जाने की शिकायत सामने आई थी।
भाजपा नेता पैदल भागते आए नजर, देखें वीडियो
इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है जिसमें काफी संख्या में लोगों को भाजपा नेता के काफिले पर पथराव करते और प्रणत टुडू, उनके सुरक्षाकर्मियों और कई मीडिया टीमों का पीछा करते हुए देका जा रहा है। कहा जा रहा है कि भीड़ को आता देख टुडू को उनके सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत वहां से सुरक्षित निकाल लिया। भीड़ ने हमला कर भाजपा नेता की कार भी तोड़ दी है। घटना के बाद भाजपा और टीएमसी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बता दें कि इस लोकसभा सीट से टुडू के खिलाफ चुनाव मैदान में तृणमूल कांग्रेस के कालीपद सोरेन और सीपीआई (एम) के सोनामणि आमने-सामने हैं।
घटना के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर है जारी
इस घटना के बाद बीजेपी ने टीएमसी पर हमले का आरोप लगाया है जिसपर टीएमसी ने जवाब देते हुए भाजपा पर ही आरोप लगाया कि टुडू के सुरक्षाकर्मी ने एक महिला के साथ मारपीट की और उस पर हमला किया। टीएमसी का कहना है कि एक महिला गरबेटा में एक मतदान केंद्र के बाहर अपना वोट डालने के लिए कतार में इंतजार कर रही थी, इसी जगह ये घटना हुई थी।
टीएमसी ने एक्स पर पोस्ट लिखा जिसमें कहा, “भाजपा की नारी-विरोधी नीति अब शब्दों तक ही सीमित नहीं है, यह अब उनके कार्यों में स्पष्ट है। केंद्रीय बलों ने महिलाओं का अपमान करने से लेकर बीजेपी उम्मीदवार प्रणत टुडू के सुरक्षाकर्मियों द्वारा मतदान के लिए इंतजार कर रही एक महिला पर शारीरिक हमला करने तक, बंगाल की माताओं और बहनों पर उनका हमला दिन-ब-दिन और अधिक निर्लज्ज होता जा रहा है। जब प्रधानमंत्री स्वयं अपने स्त्रीद्वेषी व्यवहार से माहौल तैयार करते हैं, तो हम उनके मातहतों से और क्या उम्मीद कर सकते हैं?”