कोलकाता: ऑफिस जाने वाली काम-काजी महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल के परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, परिवहन विभाग 25 जून से कोलकाता में दो ‘महिला विशेष’ बसों का परिचालन शुरू करने जा रहा है। एक वरिष्ठ राज्य अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि ये बसें हावड़ा स्टेशन से बालीगंज के लिए रवाना होंगी तथा मध्य और दक्षिण कोलकाता के कुछ हिस्सों से होते हुए गुजरेंगी। एक अधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह महिला बस सेवा हावड़ा-बंडेल लाइन के पास स्थित जिलों के यात्रियों की सहायता के लिए तैयार की गई है, जो सुबह के व्यस्त समय के दौरान टर्मिनल स्टेशन से मार्ग पर स्थित उनके कार्यस्थलों तक सुविधाजनक संपर्क प्रदान करेगी।
बसों में होंगी महिला कंडक्टर
अधिकारी ने बताया कि हावड़ा से साढ़े नौ बजे और 10 बजे चलने वाली इन गैर वातानुकूलित-बसों में महिला कंडक्टर होंगी। बसों में चढ़ने से पहले फाटक पर ही यात्रियों की जांच की जाएगी, ताकि धक्का-मुक्की न हो और यह सुनिश्चित हो सके कि हर स्टॉप पर केवल महिला यात्री ही बसों में सवार हों। इस विशेष बस सेवा का उद्घाटन परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती की मौजूदगी में होगा। पूर्वी रेलवे की हावड़ा-बर्दवान लाइन और दक्षिण-पूर्वी रेलवे की हावड़ा-खड़गपुर लाइन पर सुबह महिला विशेष ट्रेन के आने के समय को देखते हुए बस के चलने का समय निर्धारित किया गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘पुरुष यात्रियों को बस में चढ़ने से रोकने के लिए बस पर महिला विशेष (लेडीज स्पेशल) बड़े-बड़े अक्षरों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। फिलहाल हम दो बसें शुरू कर रहे हैं, लेकिन भविष्य में हम और बसें जोड़ने पर विचार कर सकते हैं।’’
अन्य बसें शुरू करने की भी तैयारी
परिवहन विभाग महिला यात्रियों के लिए सियालदह स्टेशन से भी ऐसी बस सेवा शुरू करने की योजना बना रहा है। हावड़ा-बालीगंज महिला विशेष बस सेवा को बालीगंज स्टेशन से दोपहर के समय में भी चलाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि हम प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले साल 2013 में भी महिला विशेष बसें चलाईं गई थी, लेकिन कुछ समय के बाद यह बंद कर दी गईं। अधिकारी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती इस सेवा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सेवा राज्य की विभिन्न महिला सशक्तिकरण योजनाओं के अनुरूप है और इसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाना है।’’ (इनपुट- भाषा)
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