Sunday, December 22, 2024
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सरना धर्म को मिलेगी मान्यता? ममता सरकार विधानसभा में पेश करेगी ये दो प्रस्ताव

पहला प्रस्ताव पश्चिम बंगाल को विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ होगा वहीं दूसरा प्रस्ताव आदिवासियों के सरना धर्मा को मान्यता देने को लेकर होगा। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि इस बाबत दोनों प्रस्ताव 13 फरवरी को विधानसभा में पेश किया जाएगा।

Edited By: Avinash Rai
Published : Feb 07, 2023 23:22 IST, Updated : Feb 07, 2023 23:22 IST
TMC will give recognition to Sarna Dharma will bring a proposal against the attempt to divide Bengal
Image Source : PTI बंगाल विधानसभा में ममता सरकार लाने वाली है ये प्रस्ताव

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों को ध्यान में रखते हुए राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा में दो प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया। पहला प्रस्ताव पश्चिम बंगाल को विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ होगा वहीं दूसरा प्रस्ताव आदिवासियों के सरना धर्मा को मान्यता देने को लेकर होगा। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि इस बाबत दोनों प्रस्ताव 13 फरवरी को विधानसभा में पेश किया जाएगा। 

बंगाल में होना होगा एकजुट

इस सर्वदलीय बैठक का भारतीय जनता पार्टी द्वारा बहिष्कार किया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों द्वारा बंगाल, विशेष रूप से उत्तर बंगाल को विभाजित करने का प्रयास किया गया है। हमें बंगाल को विभाजित करने का प्रयास करने वाले प्रतिक्रियावादी ताकतों के खिलाफ राज्य को बचाने और एक रखने के लिए एकजुट होना होगा। 

चिकन नेक है महत्वपूर्ण

आमतौर पर 'चिकन नेक' के रूप में चर्चित सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए यह स्थान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मुख्य भूमि को उत्तर पूर्वी राज्यों से जोड़ता है। पिछले कुछ वर्षों में अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बारला सहित कई भाजपा सांसदों ने मांग की है कि उत्तर बंगाल को एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए। टीएमसी सूत्रों के मुताबिक, प्रस्ताव का उद्देश्य भाजपा की मंशा को उजागर करना है। 

सरना धर्म को मान्यता का प्रस्ताव

टीएमसी के एक विधायक ने कहा, ‘‘भाजपा के कुछ नेताओं ने खुले तौर पर मांग की है कि उत्तर बंगाल को एक अलग राज्य बनाया जाए, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।’’ टीएमसी के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने कहा कि विधायकों की बैठक के दौरान पार्टी प्रस्ताव पर चर्चा करेगी और विधानसभा की बहस में अपनी भागीदारी पर फैसला लेगी।  पुरुलिया, बांकुरा, पश्चिम मेदिनीपुर और उत्तरी बंगाल के कुछ हिस्सों में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण आदिवासियों तक पहुंचने के लिए टीएमसी ने सरना धर्म को मान्यता देने के लिए भी एक प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।

(इनपुट-भाषा)

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