
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पार्टी के उन विधायकों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का फैसला किया है जो ‘व्हिप’ जारी होने के बावजूद नियमित रूप से राज्य विधानसभा सत्र से अनुपस्थित रहते हैं। सूत्रों ने बताया कि पार्टी की विधायी अनुशासन समिति ने कई सदस्यों को उनकी अनुपस्थिति का कारण बताने के लिए बुलाया है और उन्हें इस सप्ताह के अंत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने सोमवार को विधानसभा में उपस्थिति दर्ज करने की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। सदस्यों को अपनी उपस्थिति तीन रजिस्टर में दर्ज करानी होती हैं, जिसमें से दो रजिस्टर मंत्रियों के लिए और एक रजिस्टर विधायकों के लिए होता है।
विधायकों के खिलाफ एक्शन लेगी टीएमसी
बता दें कि विधायकों को अपनी उपस्थिति के लिए तीन रजिस्टरों में हस्ताक्षर करने होते हैं। दो मंत्रियों के लिए और एक विधायकों के लिए होता है। उन्होंने बताया कि इन रजिस्टरों की जांच की जा रही है, ताकि अनुपस्थित लोगों की सही संख्या का पता लगाया जा सके, खासतौर पर उन लोगों की जो बिना किसी वैध कारण के सत्र में अनुपस्थित रहे हैं। चट्टोपाध्याय ने पीटीआई-भाषा से कहा, "ऐसे विधायक हैं जिन्होंने अनुपस्थित रहने के अपने वैध कारण के बारे में पहले से आवेदन या सूचना दे दी थी। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने किसी को सूचित नहीं किया था, लेकिन सत्र के दौरान अनुपस्थित रहे। हम अब एक सूची तैयार कर रहे हैं और इसे समिति को सौंपेंगे।"
पार्टी ने जारी किया व्हिप, फिर भी गायब रहे विधायक
पार्टी सूत्रों के अनुसार, टीएमसी नेतृत्व बार-बार अनुपस्थित रहने को गंभीर मुद्दा मानता है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "यह गैरजिम्मेदारी के अलावा कुछ नहीं है। पार्टी व्हिप जारी होने के बावजूद, कई विधायक आदतन विधानसभा से अनुपस्थित रह रहे हैं। पार्टी ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है।" बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान, टीएमसी ने व्हिप जारी कर विधायकों को 19 और 20 मार्च को उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। हालांकि, 19 मार्च को जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सदन में थीं, तो कई विधायक अनुपस्थित थे। अगले दिन, 20 मार्च को केवल 90 टीएमसी विधायक ही सत्र में उपस्थित हुए। पार्टी नेतृत्व अब अनुपस्थित विधायकों की पहचान कर रहा है। चट्टोपाध्याय और वरिष्ठ टीएमसी पदाधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।