केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कोलकाता में कहा कि पश्चिम बंगाल में सीएए लागू किया जाएगा। शाह ने कहा कि भारत में बांग्लादेशियों के अवैध प्रवेश को रोका जाएगा और पशु तस्करों पर रोक लगाई जाएगी। अमित शाह के बयान की आलोचना करते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने बुधवार को कहा ये पुरानी कहानियां हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग देश को लोगों को रोटी कपड़ा मकान दे नहीं सकते। उन्होने आरोप लगाया कि बीजेपी लोगों को धर्म के नाम पर बांट रही है। कुणास घोष ने कहा कि सीएए संसद में पास होने के बाद कहां गया। हम पश्चिम बंगाल में सीएए लागू होने नहीं।
चुनाव आने पर सीएए का मुद्दा उठाती है बीजेपी
टीएमसी नेता ने कहा कि जब चुनाव आता है तब बीजेपी सीएए लेकर शोर करने लगती है। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेशियों भारत में अवैध प्रवेश पर बीएसएफ की नजर है, जिसके तहत बीएसएफ अमित शाह का विभाग आता है, अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस ने भी अमित शाह पर निशाना साधा
उधर, सीएए पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि अमित शाह शायद स्वतंत्र भारत के सबसे अक्षम गृह मंत्री हैं। उनके पास सीएए पर टिप्पणी करने और अपने बेटे को अहमदाबाद में क्रिकेट मैच का संचालन करते देखने का समय कैसे है, लेकिन वह मणिपुर पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं या संसद सुरक्षा उल्लंघन मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। विषय को भटकाने की कोशिश करने के बजाय उन्हें हमें सूचित करना चाहिए जांच किस ओर जा रही है।
अमित शाह ने सीएम ममता पर लगाया था ये आरोप
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को संरक्षण देकर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का मंगलवार को आरोप लगाया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के आम चुनाव में राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 35 से अधिक सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार बनाने का मतलब घुसपैठ और गोतस्करी का अंत करना और संशोधित नागरिकता अधिनियम के माध्यम से धार्मिक रूप से प्रताड़ित किये गए लोगों को नागरिकता प्रदान करना होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की तत्कालीन सरकार ने 10 साल में पश्चिम बंगाल को 2,09,000 करोड़ रुपये दिए और मोदी सरकार ने नौ साल में 7,17,000 करोड़ रुपये दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री को एक-एक रुपये का हिसाब देना होगा। शाह ने दावा किया कि वह (ममता बनर्जी) मोदी के विकास कार्यों को रोक रही हैं क्योंकि उन्हें डर है कि अगर इन्हें राज्य में लागू किया गया तो भाजपा की लोकप्रियता बढ़ जाएगी।
(रिपोर्ट- सुजीत दास)