पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में हुई हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आलोचना के बीच पार्टी के नेता अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनके दल ने कभी गलत कामों में शामिल किसी नेता का समर्थन नहीं किया। संदेशखालि के निकट बशीरहाट में रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने शाहजहां शेख और शारदा समूह के चेयरमैन सुदीप्तो की पुलिस गिरफ्तारी का हवाला देते हुए कहा कि टीएमसी ने कदाचार में शामिल किसी नेता को नहीं बचाया। उन्होंने कहा, ‘‘संदेशखालि के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। किसी के साथ दुर्व्यवहार करने पर किसी भी तृणमूल नेता या पंचायत प्रतिनिधियों को बख्शा नहीं जाएगा।"
शाहजहां शेख को बंगाल पुलिस ने किया गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि शाहजहां शेख को सबसे पहले राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था, न कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने। राज्य पुलिस के अधिकारियों ने शारदा घोटाले के आरोपी सुदीप्तो सेन को भी गिरफ्तार किया था। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, ‘‘हम गलत काम करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति कतई न बर्दाश्त करने की नीति को अपनाते हैं। हमने अपने नेता पार्थ चटर्जी और ज्योति प्रिय मलिक के खिलाफ कार्रवाई की है। संदेशखालि की घटना पर विपक्ष ने राजनीति की है।’’ पिछले महीने संदेशखालि इलाके में भड़की हिंसा के बाद बशीरहाट इलाके में टीएमसी के किसी वरिष्ठ नेता की यह पहली रैली थी।
अभिषेक बनर्जी ने साधा भाजपा पर निशाना
बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए महिलाओं के मुद्दों को लेकर उस पर उनकी दिखावटी चिंता करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा आज 'नारी शक्ति' पर व्याख्यान दे रही है। वे यहां आंसू बहा रहे हैं। क्या उन्होंने उन भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई की जिन पर महिला पहलवानों को परेशान करने का आरोप है? जवाब नहीं है। भाजपा महिलाओं से मारपीट और दुर्व्यवहार के आरोपी अपने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकी, लेकिन, हमने उत्तम सरदार और शाहजहां शेख जैसे नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। यह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी और भाजपा के बीच का अंतर है।’’