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पश्चिम बंगाल में राज्य निर्वाचन आयोग की खुद की कोई आवाज नहीं: विपक्ष

कलकत्ता हाई कोर्ट ने महामारी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए SEC को 4 से 6 सप्ताह तक निकाय चुनाव स्थगित करने की संभावना तलाशने को कहा था।

Reported by: Bhasha
Published : January 15, 2022 19:40 IST
State Election Commission, SEC West Bengal, SEC West Bengal Opposition
Image Source : PTI विपक्ष ने कहा कि राज्य चुनाव इकाई की अपनी कोई आवाज नहीं है तथा यह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा निर्देशित है।

Highlights

  • SEC ने 4 नगर निगमों के लिए मतदान 22 जनवरी के बजाय 12 फरवरी तक 3 सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।
  • राज्य चुनाव इकाई की अपनी कोई आवाज नहीं है तथा यह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा निर्देशित है: विपक्ष
  • राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला इस बात का प्रमाण है कि आयोग स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं है: CPM

कोलकाता: विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने शनिवार को कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को पश्चिम बंगाल के 4 नगर निगमों के लिए चुनाव 3 सप्ताह से अधिक समय के लिए स्थगित करना चाहिए था और उसके कदम से यह साबित हो गया कि राज्य चुनाव इकाई की अपनी कोई आवाज नहीं है तथा यह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा निर्देशित है। राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को 4 नगर निगमों के लिए मतदान 22 जनवरी के बजाय 12 फरवरी तक 3 सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।

‘आयोग स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं’

आयोग ने यह निर्णय राज्य सरकार के उस पत्र के बाद किया जिसमें उसने पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के चलते चुनाव तारीख फिर से निर्धारित करने के लिए अपनी सहमति दी है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव स्थगित करने का राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) का फैसला इस बात का प्रमाण है कि आयोग स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं है और हमेशा सत्ताधारी दल के निर्देशों का इंतजार करता है।

‘कोई नहीं जानता कोविड की स्थिति क्या होगी’
जाने-माने अधिवक्ता भट्टाचार्य ने कहा, ‘हाई कोर्ट ने 4 नगर निगमों के चुनाव 4 से 6 सप्ताह के लिए टालने की सिफारिश की थी। लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि राज्य सरकार चाहती थी कि यह 3 सप्ताह के बाद हो। SEC ने साबित कर दिया कि वह स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय नहीं ले सकता। हालांकि, चलो उम्मीद है कि 12 फरवरी को जब मतदान हो तो कोविड की स्थिति और खराब नहीं होगी।’ वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव 4 से 6 सप्ताह से पहले नहीं होना चाहिए था क्योंकि ‘कोई नहीं जानता कि 12 फरवरी तक कोविड की स्थिति क्या होगी।’

‘नहीं लगता कि SEC की कोई अलग पहचान है’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि निकाय चुनाव की तारीख सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की इच्छा के अनुसार तय की गई है, भट्टाचार्य ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि SEC की कोई अलग पहचान है। यह सत्तारूढ़ दल और उसकी प्रमुख (ममता बनर्जी) द्वारा निर्देशित है।’ SEC की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, सिलीगुड़ी, चंद्रनगर, बिधाननगर और आसनसोल नगर निगमों के लिए मतदान अब 22 जनवरी की जगह 12 फरवरी को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। कलकत्ता हाई कोर्ट ने महामारी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए SEC को 4 से 6 सप्ताह तक निकाय चुनाव स्थगित करने की संभावना तलाशने को कहा था।

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