Tuesday, November 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पश्चिम बंगाल
  3. SSC Scam: पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया फ्लैट में चलती थी ये दो कंपनियां, हुआ खुलासा

SSC Scam: पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया फ्लैट में चलती थी ये दो कंपनियां, हुआ खुलासा

SSC Scam: पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी कहानियां परत दर परत खुलती जा रही हैं। अब तक इनके फ्लैट से करोड़ों रुपए कैश और सोना बरामद हो चुका है, लेकिन अब पता चला है कि इनके ही फ्लैट में दो कंपनियां भी चलती थीं।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published on: August 06, 2022 12:29 IST
SSC Scam- India TV Hindi
Image Source : PTI SSC Scam

Highlights

  • अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया फ्लैट में चलती थी दो कंपनियां
  • ईडी की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
  • कंपनियों के मालिक मृण्मय मालाकार और रनेश कुमार सिंह हैं

SSC Scam: पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी कहानियां परत दर परत खुलती जा रही हैं। अब तक इनके फ्लैट से करोड़ों रुपए कैश और सोना बरामद हो चुका है, लेकिन अब पता चला है कि इनके ही फ्लैट में दो कंपनियां भी चलती थीं। दरअसल, अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित फ्लैट के एड्रेस पर दो कंपनियों का रजिस्ट्रेशन है। हालांकि इन दोनों कंपनियों की मालकिन अर्पिता मुखर्जी नहीं हैं, बल्कि इनके मालिक मृण्मय मालाकार और रनेश कुमार सिंह बताए जा रहे हैं। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर ये मृण्मय मालाकार और रनेश कुमार सिंह कौन हैं?

टेक्सफैब प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं

पता चला है कि ये लोग 23 मार्च, 2012 को पंजीकृत कंपनी अनंत टेक्सफैब प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। यह एक सक्रिय कंपनी है, जिसने 31 मार्च, 2021 तक अपने वार्षिक रिटर्न और वित्तीय विवरण दाखिल किए हैं। इस सब में कुछ भी गलत नहीं है, जब तक कोई कंपनी के पंजीकृत पते की जांच नहीं करता। फ्लैट नंबर 8ए, ब्लॉक-5, क्लब टाउन हाइट्स, बेलघरिया, कोलकाता। यह वही पता है, जिस पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 27 जुलाई को पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के निलंबित महासचिव पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के खिलाफ अपनी जांच के तहत छापा मारा था।

फ्लैट जाहिर तौर पर मुखर्जी का है। छापेमारी में 27.90 करोड़ रुपये बेहिसाब नकदी और 4.31 करोड़ रुपये सोने के अलावा आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। ईडी ने शुक्रवार को अनंत टेक्सफैब प्राइवेट लिमिटेड के बारे में एक विशेष अदालत को सूचित किया, जिसमें दावा किया गया कि मुखर्जी ने इस कंपनी के माध्यम से चटर्जी के परिवार के सदस्यों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा। इस कंपनी की अधिकृत पूंजी मात्र 2 लाख रुपये है और इसकी पेड ऑफ कैपिटल 1.5 लाख रुपये है।

ईडी जांच में जुटी

ईडी अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह चटर्जी और मुखर्जी द्वारा स्कूल शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती से प्राप्त गलत लाभ को लूटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक मुखौटा कंपनी है। संयोग से, मृण्मय मालाकार के कई अन्य कंपनियों के साथ संबंध हैं। वह कम से कम दो अन्य मौजूदा कंपनियों में निदेशक हैं। इन्हीं में से एक है व्यूमोर हाईराइज प्राइवेट लिमिटेड जो 14 मार्च 2012 को अस्तित्व में आया। इस कंपनी का पंजीकृत पता फ्लैट नंबर 8ए, ब्लॉक-5, क्लब टाउन हाइट्स, बेलघरिया, कोलकाता भी है।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार, इस कंपनी की बैलेंस शीट आखिरी बार 31 मार्च, 2019 को दाखिल की गई थी। कुछ अन्य कंपनियां हैं, जिनसे मृण्मय मालाकार जुड़ी हुई हैं, लेकिन उनके पंजीकृत कार्यालय कोलकाता के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में हैं। रनेश कुमार सिंह के अन्य कंपनियों के साथ भी संबंध हैं। विशेष अदालत ने शुक्रवार को चटर्जी और मुखर्जी दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस दौरान ईडी उनसे जेल में पूछताछ करता रहेगा। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि आने वाले दिनों में अगर और गंभीर अपराध सामने आएं तो लोगों को चौंकना नहीं चाहिए।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें पश्चिम बंगाल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement