![Leader of Opposition in West Bengal Legislative Assembly Shubhendu Adhikari](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
Highlights
- अर्पिता के एक और फ्लैट में मिले करोड़ों रुपये
- "सीएम कोई कदम क्यों नहीं उठा रहीं"
- दोनों को ED ने 23 जुलाई को किया था गिरफ्तार
SSC Scam: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदू अधिकारी ने बुधवार को सवाल किया कि कथित स्कूल नौकरी घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पार्थ चटर्जी को मंत्री के रूप में क्यों बरकरार रखा गया है। अधिकारी ने यहां राजभवन में राज्यपाल ला गणेशन से मुलाकात करके उद्योग, वाणिज्य और संसदीय मामलों के मंत्री चटर्जी को मंत्री पद से हटाने की मांग की।
"सीएम कोई कदम क्यों नहीं उठा रहीं"
अधिकारी ने बैठक के बाद मीडिया से कहा, ‘‘इतनी सूचना और सबूत के बावजूद मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया।’’ 2020 में भाजपा में शामिल होने से पहले ममता बनर्जी सरकार में एक मंत्री रह चुके अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह ‘‘उनकी यह दिखाने की रणनीति है कि वह अच्छी हैं और अन्य नहीं।’’
मंत्री और अर्पिता मुखर्जी को ED ने किया था गिरफ्तार
मुख्यमंत्री बनर्जी ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि कोर्ट में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को पार्टी की ओर से कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को ED ने गिरफ्तार किया था, जो सरकार प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में कथित शिक्षक भर्ती अनियमितताओं में शामिल धन कहां से आया और कहां गया, इसकी जांच कर रहा है।
गौरतलब है कि अर्पिता मुखर्जी के आवास से 21 करोड़ रुपये नकद और अन्य कीमती सामान बरामद किया गया था। जब टीचर भर्ती घोटाला हुआ तब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। स्पेशल ED कोर्ट ने दोनों को 3 अगस्त तक के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है।
अर्पिता के एक और फ्लैट में मिले करोड़ों रुपये
अर्पिता मुखर्जी के एक और फ्लैट में छापेमारी की गई, जिसमें जांच एजेंसी को 20 करोड़ रुपये और 3 किलो सोना मिला है। जांच एंजेसी को यह रकम उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट से मिला है। इस फ्लैट की मालकिन मुखर्जी हैं। अधिकारी ने बताया कि बेलघरिया के रथाला इलाके में अर्पिता के दो फ्लैट को ताला तोड़कर खोला गया, क्योंकि उनकी चाबी नहीं मिली। अब तक जांच एजेंसी ने अर्पिता के पास से करीब 41 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। बता दें कि अर्पिता बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी हैं। ED ने अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था।