कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नॉर्थ परगना का संदेशखाली इलाका बीजेपी और तृणमूल के बीच राजनीतिक अखाड़े में तब्दील होता जा रहा है। राज्य सरकार ने अब एक आदेश जारी कर संदेशखाली के सात ग्राम पंचायतों में 19 फरवरी तक धारा 144 लागू कर दिया है। इसआदेश के मुताबिक संदेशखाली समेत कुल 7 ग्राम पंचायतों के 500 मीटर के दायरे में 19 फरवरी तक धारा 144 लागू रहेगी।
वहीं राज्य सरकार के इस आदेश पर बीजेपी एक बार फिर भड़क गयी है। भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा, "संदेशखाली में जिस प्रकार से अत्याचार हो रहा है, लोगों के साथ खड़ा रहने के लिए कोई नहीं है...भाजपा के हमारे नेता प्रतिपक्ष, पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार और सभी कार्यकर्ता इस आंदोलन में लगे हुए हैं...धारा 144 लागू करके लोगों को वहां जाने से रोका जा रहा है..."
संदेशखाली जाने से रोकने के लिए पुलिस ने मेरे लॉज की घेराबंदी की : सुकांत मजूमदार
सुकांत मजूमदार ने बुधवार को आरोप लगाया कि राज्य पुलिस ने उन्हें उत्तर 24 परगना जिले के अशांत संदेशखाली जाने से रोकने के लिए उनके लॉज की घेराबंदी कर दी है। मजूमदार ने कहा कि उन्हें प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए दोपहर के बाद संदेशखाली जाना था। उन्होंने बताया, ‘‘ कल के प्रदर्शन के बाद मैंने टाकि में एक लॉज में रहने का फैसला किया ताकि यथाशीघ्र संदेशखालि जा सकूं। लेकिन सुबह से ही पुलिस ने मेरे लॉज के प्रवेश द्वार को बाधित कर दिया है और किसी को बाहर जाने नहीं दे रही है। ’’ मजूमदार ने दावा किया कि उन्हें ‘नजरबंद कर दिया गया है।’’ हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार किया है। लॉज के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल की दंगारोधी उपकरणों और साजो सामान के साथ तैनाती देखी गई है।
संदेशखाली, टाकि से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।’’ घोष ने कहा, ‘‘आरोप निराधार हैं। भाजपा इलाके का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। वे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ना चाहते हैं।’’ संदेशखाली में बुधवार को लगातार सातवें दिन विरोध प्रदर्शन जारी है। बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर हैं और तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उनके कथित ‘गिरोह’ की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ जबरन जमीन पर कब्जा करने और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने सहित कई आरोप हैं। पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय की टीम कथित राशन घोटाले में शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने गई थी जिस पर भीड़ ने हमला कर दिया था। वह पिछले महीने से फरार हैं।