पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ कथित यौन शोषण और हिंसा के मामले ने देशभर को आश्चर्य में डाल दिया है। हालात ऐसे हैं कि अब राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की सहयोगी मानी जा रही कांग्रेस भी ममता बनर्जी के विरोध में खड़ी हो गई है। कांग्रेस सांसद और पश्चिम बंगाल में पार्टी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने संदेशखाली जाना चाहा लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया है। पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें भी सामने आई हैं।
ममता संदेशखाली पर चुप क्यों हैं?- अधीर
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी संदेशखाली के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने कहा था कि हम संदेशखाली जाने की कोशिश करेंगे, यह हमारा अधिकार है। हालांकि, रामपुर में उन्हें वहां जाने से रोक दिया गया। इसके बाद यहां कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की सुरक्षा बलों से झड़प भी हुई है। संदेशखाली जाने से रोके जाने के बाद अधीर रंजन रामपुर में ही धरने पर बैठ गए। अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि संदेशखाली में घटना क्यों हुई? इसके लिए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को जवाब देना होगा। शाहजहां शेख और उनके समर्थक सभी टीएमसी के उत्पाद हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी संदेशखाली की घटना पर चुप क्यों हैं?
इस घटना को हिंदू-मुस्लिम रंग न दिया जाए- अधीर
अधीर रंजन ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि संदेशखाली की वास्तविक घटना क्या है। वास्तव में यहां क्या हुआ था, क्यों लोगों को यहां प्रवेश करने से रोका गया है? संदेशखाली बशीरहाट का एक उपखंड है और पश्चिम बंगाल का हिस्सा है, फिर हमें यहां प्रवेश करने से क्यों रोका गया है? इस घटना को हिंदू-मुस्लिम रंग न दिया जाए। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यह एक बहुत ही खतरनाक बात है जिसे सीएम ममता बनर्जी चतुराई से बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं और यह विधानसभा में उनके भाषण में बहुत स्पष्ट है।
मायावती ने भी की कार्रवाई की मांग
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने X पर ट्वीट करते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हाल ही में महिला उत्पीड़न आदि की उजागर हुई घटनाओं को लेकर वहां जारी तनाव व हिंसा अति चिन्तनीय है। राज्य सरकार इस मामले में निष्पक्ष होकर दोषियों के खिलाफ सख़्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटनाओं की आगे यहां पुनरावृति ना हो सके।
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