पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली घटना को लेकर चल रहे बवाल के बीच एक और मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकार फंस गए हैं। दरअसल, शुभेंदु अधिकार पर आरोप है कि उन्होंने संदेशखाली को लेकर प्रदर्शन के दौरान एक सिख आईपीएस अधिकारी को 'खालिस्तानी' कहा। इस पर आईपीएस अधिकारी बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी पर बुरी तरह भड़ गए। मामले में बंगाल पुलिस कार्रवाई की बात कह रही है। इसे लेकर दक्षिण बंगाल के एडीजी का बयान सामने आया है।
"हम इसका कड़ा विरोध करते हैं"
एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा, "जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मंगलवार सुबह धमाखली में धारा 144 लागू करने के लिए हमारे पास एक पुलिस बल था। इसका नेतृत्व आईपीएस जसपीत सिंह, एसएसपी इंटेलिजेंस शाखा कर रहे थे। वहां पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई विधायक थे। धमाखाली में पुलिस अधिकारी के साथ बहस हुई, इस दौरान शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कहा, जो किसी राजनीतिक नेता को शोभा नहीं देता। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। इस गंभीर टिप्पणी के लिए हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।"
अग्निमित्रा पाल पर भी आरोप
पश्चिम बंगाल पुलिस ने 'एक्स' पर घटना का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, टीएमसी और अन्य दल बीजेपी पर हमलावर हो गए हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सिख संस्था एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) और कांग्रेस ने बीजेपी की आलोचना की है। इससे पहले मुख्यमंत्री बनर्जी ने बंगाल बीजेपी की नेता अग्निमित्रा पाल पर आरोप लगाया कि संदेशखाली जाने से रोके जाने पर उन्होंने एक पगड़ीधारी पुलिस अधिकारी को तथाकथित खालिस्तानी कहा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'एक्स' पर वीडियो शेयर करते हुए कहा कि अग्निमित्रा पाल ने संदेशखाली में नाकाबंदी करने पहुंचे एक पगड़ीधारी आईपीएस अधिकारी पर 'खालिस्तानी' कहकर हमला किया। उन्होंने सवाल किया, तो क्या बीजेपी सोचती है कि जो लोग पगड़ी पहनते हैं, वे खालिस्तानी हैं। उनकी विभाजनकारी राजनीति इस बार संवैधानिक सीमाओं को पार कर रही है। उधर, घटना को लेकर सिख समुदाय के लोगों ने कोलकाता और आसनसोल में विरोध प्रदर्शन किया।