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आरजी कर मामले में अभिजीत मंडल और संदीप घोष को मिली जमानत, जूनियर डॉक्टरों ने निकाला कैंडल मार्च

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप और मर्डर मामले में संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत मिल गई है। सीबीआई द्वारा 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल न करने के कारण सियालदह की एक अदालत ने दोनों को जमानत दे दी।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Dec 13, 2024 21:06 IST, Updated : Dec 13, 2024 23:11 IST
RG Kar Medical College Ex-Principal Sandeep Ghosh Ex-Officer-in-Charge of Tala Police Station Abhiji- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO अभिजीत मंडल और संदीप घोष को मिली जमानत

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल को सीबीआई द्वारा 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल न करने के कारण जमानत मिल गई है। इसके विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में मोमबत्ती जुलूस निकाला। बता दें कि सियालदह की एक अदालत ने अभिजित मंडल और संदीप घोष को जमानत दी है। गौरतलब है कि बीते दिनों आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की रेप और हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 90 दिनों के भीतर सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल नहीं किए जाने के कारण दोनों को जमानत दे दी गई है।

आरोपियों की जमानत का जूनियर डॉक्टरों ने किया विरोध

ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल को मिली जमानत का जूनियर डॉक्टरों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के परिसर में मोमबत्ती जुलूस निकाला। बता दें कि मंडल पर 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी के दौरान एक चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी का आरोप है, वहीं घोष पर मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप है। इसी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरों यानी सीबीआई ने दोनों को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने 90 दिन के भीतर नहीं फाईल की चार्जशीट

सीबीआई कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर इस प्रकरण की जांच कर रही है। घोष का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने बताया कि सियालदह अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) ने दोनों आरोपियों को जमानत दे दी, क्योंकि उनके खिलाफ आरोपपत्र अनिवार्य 90 दिन की अवधि के भीतर दायर नहीं किया गया। मंडल के वकील ने अदालत के बाहर कहा कि उनका मुवक्किल न्यायिक हिरासत में सुधार गृह में है जहां से वह बाहर आएंगे। घोष बलात्कार-हत्या के मामले में जमानत मिलने के बावजूद सलाखों के पीछे ही रहेंगे क्योंकि वह आर जी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। 

(रिपोर्ट- ओंकार सरकार)

इनपुट भाषा के साथ

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