प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दावा किया कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष की पत्नी ने पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों से ‘‘उचित मंजूरी’’ के बिना दो अचल संपत्तियां खरीदीं। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसे छह सितंबर को कोलकाता में सात स्थानों पर घोष और उनके ‘‘करीबी रिश्तेदारों’’ के परिसरों की तलाशी के दौरान डॉक्टर दंपति के स्वामित्व वाले लगभग आधा दर्जन घरों, फ्लैट और एक फार्महाउस से संबंधित दस्तावेज मिले। ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में संदीप घोष पर मामला दर्ज किया है।
मंजूरी के बिना खरीदी संपत्ति
नौ अगस्त को अस्पताल में 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद पूर्व प्राचार्य निगरानी के दायरे में आ गए। ईडी ने कहा कि घोष की पत्नी डॉ.संगीता घोष ने ‘‘राज्य सरकार के अधिकारियों से उचित मंजूरी के बिना’’ दो अचल संपत्तियां खरीदीं। बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप और मर्डर मामले की घटना के बाद से ही जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को भी जूनियर डॉक्टरों द्वारा नहीं माना गया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों को अस्पताल लौटने और काम पर लौटने का निर्देश दिया था।
काम पर नहीं लौटे जूनियर डॉक्टर
जूनियर डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि वे सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानेंगे और के निर्देश के बावजूद काम नहीं करेंगे। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (डीएचई) के इस्तीफे की मांग की है और कहा है कि वे मंगलवार दोपहर को साल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय यानी स्वास्थ्य भवन तक एक रैली भी निकालेंगे। प्रदर्शन में शामिल डॉक्टरों ने एक बैठक के बाद कहा कि हमारी मांगें पूरी नहीं हुई हैं और मृतका को न्याय नहीं मिला है। हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और काम पर नहीं लौटेंगे। हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य सचिव और डीएचई इस्तीफा दें।
(इनपुट-भाषा)