नई दिल्ली। 2021 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खेमे में भगदड़ मची हुई है। अब टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही जितेंद्र तिवारी ने आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दे दिया है। जितेंद्र तिवारी ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि 'हमें आसनसोल के लिए काम नहीं करने दिया जा रहा था इसीलिए हमने ऐडमिनिस्ट्रेटर का पद छोड़ दिया, मैंने MLA पद से इस्तीफा नहीं दिया है। मैंने पार्टी (TMC) के जिला सभापति का पद छोड़ दिया है, आज से मेरा पार्टी (TMC) से कोई संबंध नहीं है।
विधायक पद छोड़ने के एक दिन बाद, बृहस्पतिवार को शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। इससे उनके इस सप्ताह भाजपा में शामिल होने के कायासों को बल मिला है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कई नाराज नेता भी शुभेंदु अधिकारी के साथ हैं। उल्लेखनीय है कि अधिकारी नंदीग्राम आंदोलन के चेहरा रहे हैं जिससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजनीतिक बढ़त मिली और वह वर्ष 2011 में पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज हुईं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अधिकारी ने अपना इस्तीफा बृहस्पतिवार दोपहर बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को भेजा।
बता दें कि, पार्टी के प्रभावशाली नेता शुभेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ते ही साउथ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (SBSTC) के अध्यक्ष दीप्तांगशु चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। गौरतलब है कि जितेंद्र तिवारी ने राज्य की सरकार पर केंद्र की ओर से मिल रहे फंड को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
19 को बीजेपी में शामिल होंगे कई नेता
बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गृह अमित शाह आगामी 19 और 20 दिसंबर को 2 दिन के लिए पश्चिम बंगाल दौरे पर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान ममता के कई बागी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले शुभेंदु अधिकारी भी अब कमल थामने जा रहे हैं।