पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर जारी हिंसा बंद होने का नाम नहीं ले रही। इस हिंसा में लगभग हर दूसरे दिन एक जान जा रही है। ताजा मामला पुरुलिया से आया है जहां रेलनगरी आद्रा में शाम को तृणमूल (टीएमसी) नेता की गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया है। बताया जा रहा है कि गंभीर रूप से घायल होने पर टीएमसी नेता को रघुनाथपुर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। जानकारी मिली है कि जिसकी गोली लगने से मौत हुई है वो आद्रा टाउन तृणमूल अध्यक्ष धनंजय चौबे थे।
राज्य चुनाव आयुक्त का नियुक्ति पत्र लौटाया
कथित तौर पर टीएमसी नेता के सुरक्षा गार्ड को भी गोली मारी गई है। इस घटना से रेल नगरी आद्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है। वहीं इससे पहले राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बुधवार को राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा का ज्वाइनिंग लेटर लौटा दिया। गुरुवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पूर्वी मिदनापुर के हल्दिया का दौरा किया। उन्होंने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोलने के साथ ही पंचायत चुनाव को लेकर भी कड़ा संदेश दिया। हल्दिया रिफाइनरी गेट पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
रिफाइनरी का दौरा करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, "मैंने इस उम्मीद के साथ राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की कि पंचायत चुनाव स्वतंत्र और शांतिपूर्ण होंगे। मुझे लगा कि लोग बिना किसी डर के मतदान प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। लेकिन चुनाव आयोग की निष्क्रियता ने लोगों को निराश किया है।"
पंचायत चुनाव में होगी केंद्रीय बलों की तैनाती
बताते चलें कि पश्चिम बंगाल में जारी चुनावी हिंसा के बीच पंचायत चुनाव में सेंट्रल फोर्स की तैनाती होगी। 2013 को कोर्ट के आदेश पर सेंट्रल फोर्स की तैनाती चुनाव के दौरान हुई थी। 10 साल बाद फिर सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती का फैसला बरकरार रखा है। इस बार भी सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार और राज्य चुनाव आयोग की याचिका खारिज कर दी है।
(रिपोर्ट- सुजीत दास)
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