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बंगाल में हिंसा पर बाबुल सुप्रियो के बयान के बाद TMC ने दी राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शुक्रवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस को अपने तरीकों में सुधार लाना चाहिए और ‘मतदाताओं को डराने-धमकाने’ से परहेज करना चाहिए, अन्यथा ऐसी चीजों पर गौर करने के लिए संविधान में प्रावधान हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 20, 2020 22:40 IST
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Image Source : PTI FILE बाबुल सुप्रियो हाल ही में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के 130 से अधिक कार्यकर्ताओं की कथित रूप से हत्या किए जाने का संदर्भ दे रहे थे।

कोलकाता: केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शुक्रवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस को अपने तरीकों में सुधार लाना चाहिए और ‘मतदाताओं को डराने-धमकाने’ से परहेज करना चाहिए, अन्यथा ऐसी चीजों पर गौर करने के लिए संविधान में प्रावधान हैं। वहीं राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती दी। सुप्रियो हाल ही में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के 130 से अधिक कार्यकर्ताओं की कथित रूप से हत्या किए जाने का संदर्भ दे रहे थे। राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने तृणमूल कांग्रेस से कहा कि वह अपने तौर-तरीके सुधारे और मतदाताओं को डराने-धमकाने से बाज आए।

‘बीजेपी राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में नहीं’

बाबुल सुप्रियो के बयान के बाद शुरू हुए आरोप-प्रत्यारोप के दौर में बंगाल बीजेपी के प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में नहीं है और आगामी चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को हरा कर वह सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस को अपने तरीकों में सुधार लाना चाहिए। चुनाव में कुछ ही महीने रह गए हैं। अगर तृणमूल सदस्यों को लगता है कि वे मतदाताओं को डरा सकते हैं और राजनीतिक हिंसा में लिप्त रह सकते हैं, तो संविधान में ऐसी चीजों का ध्यान रखने के लिए प्रावधान हैं।’

‘बीजेपी को कुछ करने की जरूरत नहीं है’
आसनसोल से लोकसभा सदस्य सुप्रियो ने कहा, ‘अगर तृणमूल कांग्रेस को लगता है कि केन्द्र में कमजोर सरकार है, तो वह गलत है। बीजेपी को कुछ करने की जरुरत नहीं है। हिंसा और अराजकता से प्रभावित ऐसे राज्यों के संबंध में संविधान में प्रावधान किया गया है।’ सुप्रियो ने दावा किया कि राज्य के लोगों ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट देने का मन बना लिया है। चुनाव के अगले साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि जिन लोगों ने सरकार में लाने के लिए तृणमूल को वोट दिया, वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से मौजूदा सरकार को हटाएं।’

बीजेपी नेता दिलीप घोष ने दिया ये बयान
सुप्रियो के इस दावे पर बीजेपी नेता घोष ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में नहीं है लेकिन राज्य में जारी राजनीतिक हिंसा के मद्देनजर कुछ नेता इसकी मांग जरूर कर रहे हैं। घोष ने कहा, ‘राज्य में जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या की जा रही है, और हर दिन हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है। ऐसे में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हमारे कुछ नेता राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं।’

‘हिम्मत है तो राष्ट्रपति शासन लगाए बीजेपी’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन पार्टी ने राज्य में अनुच्छेद 356 लगाने का अनुरोध नहीं किया है। हम विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को हराएंगे।’ तृणमूल ने कहा कि बीजेपी नेता राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की ओर पर इशारा कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ब्रत्य बासु ने कहा, ‘मैं बीजेपी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती देता हूं। अगर उनमें हिम्मत है तो लगाएं।’ तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा, ‘अगर वह बंगाल में अनुच्छेद 356 लागू करने की बात कर रहे थे, तो उन्हें सबसे पहले उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की बात करनी चाहिए, जहां कानून का शासन समाप्त हो गया है।’ (भाषा)

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