बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में कोलकाता के बड़ा बाजार क्षेत्र और नादिया जिले के राणाघाट में रैलियां आयोजित की गईं। इसके अलावा कोलकाता की अलीपुर अदालत में भी वकीलों ने प्रदर्शन किया और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से वहां शांति स्थापित करने और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करने की मांग की।
अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा
कोलकाता के बड़ा बाजार में आयोजित रैली का नेतृत्व बीजेपी के नेता सायंतन घोष और राजू बंद्योपाध्याय ने किया। उन्होंने बांग्लादेश सरकार से वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग की। रैली में प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। वहीं, राणाघाट में विभिन्न हिंदू संगठनों ने रैली आयोजित की, जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा की गई और उनकी सुरक्षा की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार से इस पर तत्काल कार्रवाई करने की अपील की।
संत चिन्मय के मामले में जल्द सुनवाई की मांग
अलीपुर अदालत में भी वकीलों ने प्रदर्शन करते हुए हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के मामले में जल्द सुनवाई की मांग की। बांग्लादेश की एक अदालत द्वारा उनके खिलाफ देशद्रोह मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई खारिज किए जाने के बाद वकीलों ने कहा, "हर व्यक्ति को न्याय और आत्मरक्षा का अधिकार है, और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।" वकीलों का कहना था कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की। 5 अगस्तर को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से अब तक बांग्लादेश में अशांति का माहौल बना हुआ है। (भाषा)
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