कोलकाता में बुधवार शाम को नागरिक एकजुटता का एक अनूठा और शक्तिशाली प्रदर्शन देखने को मिला, जब आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक की हत्या के विरोध में यहां के निवासियों ने रात 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे के लिए अपने घरों की लाइट बंद कर दीं और सड़कों पर कैंडल मार्च निकाला। रात ठीक 9 बजे विक्टोरिया मेमोरियल और राजभवन जैसे प्रमुख स्थल, शहर, उपनगर और जिलों के घर विरोध प्रदर्शन के हिस्से के रूप में अंधेरे में डूब गए। बंगाल के राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस ने भी राजभवन में मोमबत्ती जलाई और कहा, ‘‘जब प्रकाश से भय लगता है, तो अंधकार प्रिय होता है।’’
सड़क पर उतरकर लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भी देर शाम को सड़कों पर उतरकर लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया, जिसमें मशालें, मोमबत्तियां और यहां तक कि मोबाइल फोन की लाइट जलाकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पीड़िता के लिए न्याय की मांग की। विरोध-प्रदर्शन का आह्वान करने वाले ‘पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ ने इसे ‘लेट देयर बी लाइट, लेट देयर बी जस्टिस’ का नाम दिया था। उच्चतम न्यायालय में पांच सितंबर को होने वाली सुनवाई से ठीक पहले यह विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इस मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए ताकि न्याय में और देरी न हो। इस मामले की सुनवाई वर्तमान में उच्चतम न्यायालय की पीठ द्वारा की जा रही है।
ममता बनर्जी को क्या बोले राज्यपाल
बता दें कि इससे पहले आनंद बोस ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या मामले पर गुस्साए लोगों की भावनाओं को शांत करने के लिए ठोस कदम उठाएं। बोस ने ममता बनर्जी को राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने तथा महिलाओं की सुरक्षा पर भी ध्यान देने के लिए कहा। राजभवन की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ‘‘राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि वह आरजी कर अस्पताल की घटना से आक्रोशित बंगाल के लोगों की भावनाओं को शांत करने के लिए ठोस कदम उठाएं और राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखें तथा महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करें। बस, बहुत हो गया।’’
(इनपुट-भाषा)