Highlights
- पार्थ चटर्जी के बाद कई नेता केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर
- शिक्षा मंत्री परेस अधिकारी, पीडब्ल्यूडी मंत्री मलय घटक पर भी नजर
- शिक्षक भर्ती घोटाले में परेस अधिकारी से पहले ही पूछताछ हो चुकी है
Partha Chatterjee News: बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले (Bengal Teacher Recruitment Scam) में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को पश्चिम बंगाल कैबिनेट से बाहर कर दिया गया है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरे हैं कि टीएमसी के कई और नेता ऐसे हैं, जिन पर केंद्रीय एजेंसियों की नजर है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर राज्य के शिक्षा मंत्री परेस अधिकारी, पीडब्ल्यूडी मंत्री मलय घटक, टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य, टीएमसी जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल और पश्चिम बंगाल के शिक्षा सचिव मनीष जैन हैं।
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में परेस अधिकारी से पहले ही पूछताछ हो चुकी है। वहीं माणिक भट्टाचार्य से भी एसएससी स्कैम में ED पूछताछ कर चुकी है। पश्चिम बंगाल के शिक्षा सचिव मनीष जैन पर भी केंद्रीय एजेंसियों की नजर है।
पार्थ को पद से हटाने में क्यों लगे 6 दिन?
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और विधायक ने कहा, ममता बनर्जी बहुत दबाव में हैं। ममता को पता चल चुका है कि सीक्रेट अब बाहर आ चुका है और आम आदमी अब यह नहीं मानता है कि तृणमूल कांग्रेस को पार्थ चटर्जी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सही मायने में जिस समय चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था, उसी समय उन्हें पद मुक्त कर देना चाहिए था। लेकिन, ममता जानती थीं कि वह बात करना शुरू कर देंगे और अन्य शीर्ष नेता सवालों के घेरे में आ जाएंगे। वह चटर्जी को बाहर करने से पहले सामंजस्य बैठा रही हैं।
क्या डरी हुई हैं ममता?
ममता बनर्जी इस समय 67 साल की हैं और उन्हें पता है कि उनकी उम्र बढ़ रही है। तृणमूल कांग्रेस, भारत में किसी भी अन्य क्षेत्रीय दल की तरह, एक ऐसा चेहरा सामने नहीं ला पाई है जो पांच से सात साल बाद सत्ता संभाल सके। उन्होंने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को तैयार किया है लेकिन उनका अभी भी एक राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरना बाकी है। अभिषेक के समर्थक बदलाव के साथ नए चेहरों के साथ नए मंत्रिमंडल की भी मांग कर रहे हैं। लेकिन ममता डरी हुई हैं। आखिरकार, यह तृणमूल नहीं है जिसे लोग वोट देते हैं, वह ममता बनर्जी हैं। कोई आश्चर्य नहीं, उन्होंने राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले वोटर्स से कहा कि उन्हें यह सोचना चाहिए कि हर सीट पर ममता बनर्जी लड़ रही हैं। पार्टी आज संकट के दौर से गुजर रही है और अगले कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण होंगे।