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बंगाल भर्ती घोटाला: अभी जेल में ही रहेंगे पार्थ चटर्जी, 14 नवंबर तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

कोलकाता के एक कोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग में करोड़ों रुपये भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत को 14 नवंबर तक बढ़ा दी है।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: October 31, 2022 23:44 IST
पार्थ चटर्जी(फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : PTI पार्थ चटर्जी(फाइल फोटो)

West Bengal: कोलकाता की एक निचली अदालत ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) में करोड़ों रुपये भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 14 नवंबर तक बढ़ा दी है। पार्थ चटर्जी के साथ, अदालत ने डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, सुबीरेश भट्टाचार्य और मामले में सह आरोपी पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) के पूर्व अध्यक्ष, कल्याणमय गंगोपाध्याय की न्यायिक हिरासत भी उसी अवधि तक बढ़ा दी। 

'औचित्य पर उठाया सवाल'

पार्थ चटर्जी के वकील ने जमानत याचिका दायर करते हुए ED के वकील द्वारा उठाए गए बिंदु का विरोध किया कि चूंकि जांच अभी शुरुआती चरण में है, इसलिए पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री को न्यायिक हिरासत में रहने की जरूरत, ताकि जरूरत पड़ने पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी उससे पूछताछ कर सकें। पार्थ चटर्जी के वकील ने उनके मुवक्किल के 99 दिनों की न्यायिक हिरासत में रहने के बाद भी जांच को प्रारंभिक चरण में बताते हुए औचित्य पर सवाल उठाया। 

'कई लोगों का भविष्य इससे जुड़ा है'

प्रतिवाद में ED के वकील फिरोज एडुल्जी ने कहा कि पार्थ चटर्जी और गिरफ्तार TMC विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के बीच सांठगांठ की और जांच किए जाने की जरूरत है। ईडी के वकील ने कहा, "दोनों के बीच एक सांठगांठ थी। पार्थ चटर्जी जांच अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं जो प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं। यह कोई सामान्य घोटाला नहीं है। कई लोगों का भविष्य इससे जुड़ा है।" 

'मैं ठीक नहीं हूं, कृपया मुझे जीवित रहने दें'

फिरोज एडुल्जी ने विलियम शेक्सपियर के मैकबेथ के प्रतिष्ठित संस्करण को भी उद्धृत किया - "क्या नेपच्यून के सभी महान महासागर मेरे हाथ से इस रक्त को साफ करेंगे?" जज ने जब पार्थ चटर्जी को बोलने की इजाजत दी तो उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की गुहार भी लगाई। उन्होंने कहा, "मैं ठीक नहीं हूं। कृपया मुझे जीवित रहने दें। केंद्रीय एजेंसी अब तक मेरे खिलाफ कुछ भी साबित नहीं कर पाई है।"

हालांकि, अंतत: अदालत ने केंद्रीय एजेंसी के वकील की दलीलों को स्वीकार कर लिया और उसकी न्यायिक हिरासत 14 नवंबर तक बढ़ा दी। जब उन्हें अदालत से बाहर लाया जा रहा था, तो पार्थ चटर्जी ने मीडियाकर्मियों से कहा, "मैं अभी भी पार्टी के साथ हूं।" उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें मंत्री पद और पार्टी के सभी विभागों से हटा दिया।

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