पश्चिम बंगाल के उतर 24 परगना जिले के देगंगा इलाक़े में आज एक बार फिर राजनीतिक हिंसा की घटना सामने आई है। इस हिंसा में जमकर बमबारी के साथ-साथ फायरिंग भी की गई। इस हिंसा में कई लोगों के घायल होने की सूचना है। आरोप है कि टीएमसी और आईएसएफ़ के कार्यकर्ताओं के बीच पंचायत चुनाव को लेकर हिंसा शुरू हुई। इस दौरान दोनों ओर से बमबारी और गोलीबारी की गई। बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की करीब 75 हजार सीट के लिए आठ जुलाई को मतदान होगा।
15 जून को घायल हुए CPIM कार्यकर्ता की मौत
बहरहाल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्तिथि को नियंत्रित किया है। पुलिस ने वहां से बम भी बरामद किए हैं। वहीं पंचायत चुनाव के नामांकन के समय हुई हिंसा की दूसरी घटना में घायल हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ता ने सिलीगुड़ी के एक नर्सिंग होम में इलाज के दौरान बुधवार को दम तोड़ दिया। पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह दावा किया। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव के नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन 15 जून को उत्तरी दिनाजपुर जिले के चोपड़ा में झड़प के दौरान कार्यकर्ता को गोली लगी थी और उसे कथित तौर पर लाठियों से पिटा भी गया था।
विपक्षी दलों ने टीएमसी पर लगाए हिंसा का आरोप
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के प्रमुख विपक्षी दलों ने पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में हिंसा होने का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों का दावा है कि उनके उम्मीदवारों और समर्थकों को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ना सिर्फ डराया और धमकाया बल्कि उनके द्वारा की गई हिंसा के भी वह शिकार हुए हैं। वहीं सत्तारूढ़ दल ने नामांकन दाखिल करने और उम्मीदवारी वापस लेने के आखिरी दिन मंगलवार को राज्य में विभिन्न स्थानों पर हुई झड़पों के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है।
(रिपोर्ट- सुजीत दास)
ये भी पढ़ें-
दिल्ली से देहरादून जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट में आई खराबी, बीच हवा में वापस लौटी
ऊद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की सिक्योरिटी में हुई कटौती? मुंबई पुलिस ने कही ये बात