Highlights
- कलकत्ता हाईकोर्ट के बाहर लगे 'चिदंबरम गो बैक' के नारे
- कांग्रेस समर्थक वकीलों ने दिखाया काला कपड़ा
- चिदंबरम को बताया ममता बनर्जी का एजेंट
Chidambaram GO Back: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम को बुधवार को पश्चिम बंगाल के कलकत्ता उच्च न्यायालय में कांग्रेस समर्थक वकीलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। वकीलों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की, उन्हें काला कपड़ा दिखाया और उन्हें टीएमसी का हमदर्द बताया। उन्होंने कहा कि चिदंबरम पश्चिम बंगाल में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार हैं।
एएनआई द्वारा साझा की गई दो मिनट की वीडियो क्लिप में, काले कपड़े पहने एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि चिदंबरम जैसे लोगों की वजह से पार्टी पश्चिम बंगाल में खड़ी नहीं हो पाई। उन्होंने कहा, 'तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने लूटा है...और आप टीएमसी को बचा रहे हैं। हम पश्चिम बंगाल में पीड़ित हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पार्टी में आप जैसे लोंग हैं। आप ममता बनर्जी एक एजेंट हैं।' जब पूर्व वित्त मंत्री के खिलाफ वापस जाओ के नारे लग रहे थे, तब माहौल काफी गरम हो गया, हालांकि चिदंबरम चुपचाप रहे और बड़ी मुश्किल से वहां से निकले।
बता दें, पी चिदंबरम कलकत्ता हाईकोर्ट में ममता बनर्जी की पार्टी के खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के एक मामले की पैरवी करने पहुंचे थे। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने केवेंट एग्रो के साथ मिलकर मेट्रो डेयरी के शेयर काफी कम कीमत पर बेच दिए। जिसे बाद में सिंगापुर की एक बड़ी कंपनी को ऊंची कीमत पर बेचा गया।
विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता TMC के खिलाफ लड़ रहे हैं, वहीं एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी एक बड़ा नेता चंद पैसों के लिए हमारे विरोधियों का केस लड़ रहा है। ऐसे नेता ही कांग्रेस को डूबा रहे हैं।
बता दें, 2021 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस राज्य में एक भी सीट नहीं जीत सकी और उसका वोट शेयर 2016 के मुकाबले 9 प्रतिशत कम हो गया। 2016 में हुए पिछले चुनावों में, पार्टी ने 44 सीटें जीती थीं। 12 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ।
ममता बनर्जी की टीएमसी ने लगभग 48 फीसदी वोट शेयर के साथ 215 से अधिक सीटें जीतकर चुनाव में जीत हासिल की। बीजेपी 38 फीसदी वोट शेयर के साथ 77 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रही। सीपीआई-एम के बाद कांग्रेस को 3 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ चौथे स्थान पर धकेल दिया गया, जिसे लगभग 5 प्रतिशत वोट मिला।