Sunday, December 22, 2024
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रुला देने वाली तस्वीर, मां के अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिले चार कंधे, 11 घंटे तक पड़ा रहा शव

विधवा महिला बेटी ने करीब पांच साल पहले हरिजन (दलित) समुदाय के पीताम्बर नामक युवक से प्रेम विवाह किया था जिसका उसकी जाति के लोगों ने विरोध किया था। इसी के चलते रिश्तेदारों ने उसके शव को छूने से इनकार कर दिया।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jul 21, 2023 16:40 IST, Updated : Jul 21, 2023 16:40 IST
मृत महिला की बेटे...
Image Source : INDIA TV मृत महिला की बेटे रिश्तेदारों का इंतजार करती रही

ओडिशा से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यहां एक महिला को प्रेम विवाह करने की ऐसी सजा मिली कि उसकी मां की मौत के बाद समाज का कोई भी व्यक्ति उसके शव को कंधा देने नहीं पहुंचा। घटना ओडिशा के नबरंगपुर जिले टेंटुलिखुंटी बॉक परजाबारंगपदर पंचायत खातिगुड़ा गांव की है। यहां रहने वाली पाईक जाति की विधवा महिला लक्ष्मी पात्र की बेटी यमुना पात्र ने करीब पांच साल पहले हरिजन (दलित) समुदाय के पीताम्बर नामक युवक से प्रेम विवाह किया था जिसका उसकी जाति के लोगों ने विरोध किया था।

एक साल से मां की सेवा कर रही थी यमुना

पिछले एक साल से मां लक्ष्मी पात्र की तबियत खराब होने की वजह से बेटी यमुना उसकी देखभाल कर रही थी। इस दौरान यमुना का पति पीताम्बर हरिजन भी ससुराल आता जाता रहता था तो वह भी कभी-कभार यहां रुक भी जाता था। लेकिन, कल रात नबरंगपुर मुख्य अस्पताल में इलाज के दौरान लक्ष्मी की मौत हो गई। जिसके बाद शव को एम्बुलेंस से खातीगुड़ा स्थित अपने घर लाया गया। वहां करीब 11 घंटे तक शव पड़ा रहा लेकिन कोई रिश्तेदार अंतिम संस्कार करने के लिए आगे नहीं आया।

सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से महिला का अंतिम संस्कार किया गया

Image Source : INDIA TV
सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से महिला का अंतिम संस्कार किया गया

नहीं माने रिश्तेदार तो सामाजिक कार्यकर्ता आए आगे
आखिरकार परजाबारंगपदर सरपंच के पति और पूर्व जिला परिषद सदस्य सदा जानी आगे आए। उन्होंने मौके पर आकर रिश्तेदारों को समझाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। रिश्तेदारों ने महिला की बेटी के दूसरी जाति में शादी करने की वजह से शव को छूने से इनकार कर दिया। परिणामस्वरूप, कुछ युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से उन्होंने लक्ष्मी के शव को इंद्रावती श्मशान घाट ले गए और हिंदू रीति-रिवाजों से उसका अंतिम संस्कार किया।

(रिपोर्ट- अक्षय महारणा)

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