ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। यह देश में अब तक का सबसे बड़ा रेल हादसा माना जा रहा है। इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई। इस बीच, ममता सरकार ने बताया कि इस रेल हादसे में पश्चिम बंगाल से मरने वालों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार शाम को मरने वालों का आंकड़ा 62 बताते हुए आशंका जताई थी कि और शवों की पहचान होने पर संख्या बढ़ सकती है।
दक्षिण 24 परगना जिले के 31 लोगों की मौत
ममता बनर्जी ने संदेह व्यक्त किया था कि अनारक्षित डिब्बों में यात्रा करने वालों के नाम रेलवे विभाग के पास आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। उन्होंने कहा, "वह सूची अभी राज्य सरकार तक नहीं पहुंची है। इसलिए बंगाल में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।" सोमवार को राज्य सरकार ने मरने वालों का आंकड़ा 81 बताया। राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि सबसे अधिक 31 दक्षिण 24 परगना जिले से मौतें हुई हैं।
राज्य सरकार के अलावा पार्टी की ओर से भी मुआवजा
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने छह सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की है, जिसके सदस्य ट्रेन और दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के पास जाएंगे और पार्टी की ओर से हर परिवार को 2 लाख रुपये के मुआवजे का चेक सौंपेंगे। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने घोषणा की थी कि प्रत्येक मृतक के परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा राज्य सरकार की ओर से घोषित 5 लाख रुपये से अलग होगा।
ममता सरकार ने मृतक के परिवारों को 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 1 लाख रुपये देगी और उनका पूरा इलाज कराएगी, साथ ही 3 महीने तक उनकी सहायता भी करेगी। जिन लोगों को मामूली चोट आई है उन्हें राज्य सरकार 25 हजार रुपये देगी।
ट्रेन हादसे की CBI से जांच कराने पर TMC नेता
वही, बालासोर ट्रेन हादसे की CBI से जांच कराने की रेलवे बोर्ड की सिफारिश को लेकर राज्य में पहले से ही राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है। TMC के राज्यसभा सदस्य डॉ. सांतनु सेन ने कहा, "सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता अब बहुत कम हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी दलों के खिलाफ उसका इस्तेमाल किया जा रहा है, इसलिए हमें सीबीआई जांच में कोई विश्वास नहीं है।"
दुर्घटना के पीछे तोड़फोड़ की आशंका है: सुकांत
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य सुकांत मजूमदार ने कहा कि चूंकि दुर्घटना के पीछे तोड़फोड़ की आशंका है, इसलिए इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की जरूरत है।