Highlights
- बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर वार-पलटवार
- तृणमूल कांग्रेस का गृह मंत्री शाह पर तीखा हमला
- "कानून व्यवस्था पर बोलने वाले अंतिम व्यक्ति हों शाह"
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर उनके बयान को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को उनसे सीखने की जरूरत नहीं है। शाह ने बुधवार को राज्यसभा में ‘दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022’ पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए जब वह पश्चिम बंगाल गए थे तो उन पर आग के गोले फेंके गए। उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा बंगाल गए थे तो उनकी गाड़ी पर हमला हुआ। शाह ने पश्चिम बंगाल सरकार पर हमले जारी रखते हुए कहा कि बंगाल में फासीवाद की परिभाषा ही बदल गयी है।
अमित शाह की इन टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि न तो उनकी पार्टी को और न राज्य सरकार को शाह से कानून व्यवस्था पर सबक लेने की जरूरत है। रॉय ने कहा, ‘‘अमित शाह तो कानून व्यवस्था के बारे में बोलने वाले अंतिम व्यक्ति होने चाहिए। हम गुजरात में और केंद्र सरकार में मंत्री के रूप में उनके ट्रैक रिकॉर्ड से भलीभांति वाकिफ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि वह फरवरी 2020 में हुए दंगों को रोकने में किस तरह नाकाम रहे जिन्होंने दिल्ली को हिला दिया था। हमने भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में भी अराजकता देखी है। बंगाल के हालात देश के अन्य किसी भी राज्य से बहुत बेहतर हैं।’’
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि शाह के बयान राज्य में विधानसभा चुनाव में उनके जोरदार प्रचार अभियान के बाद भी भाजपा की हार पर उनकी हताशा को दर्शाते हैं। हालांकि भाजपा की राज्य इकाई ने गृह मंत्री के बयान का स्वागत किया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘अमित शाह जी ने सही कहा है। उन्होंने तथ्य बताए हैं। देश में सभी को पश्चिम बंगाल के बारे में पता है। बीरभूम का हालिया नरसंहार स्पष्ट उदाहरण है।’’