दिल्ली में शनिवार को नीति आयोग की बैठक हुई थी। ममता बनर्जी बीच में ही इस बैठक को छोड़कर चली गईं थी। ममता ने आरोप लगाया था कि उन्हें नीति आयोग की बैठक में कुछ मिनट ही बोलने दिया गया था। वहीं, अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि उन्होंने हाल में दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में भारत-भूटान नदी आयोग के गठन की मांग की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राज्य में भूमि कटाव नियंत्रण और बाढ़ की रोकथाम से संबंधित एक प्रस्ताव पर यह बात कही है।
बंगाल को कोई नहीं कर सकता विभाजित
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर बंगाल के दो जिलों और बिहार के कुछ जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने तथा उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर का हिस्सा बनाने संबंधी भाजपा के कुछ नेताओं की मांगों पर भी आपत्ति जताई है। सीएम ने कहा कि बंगाल को विभाजित करने का कोई भी साहस नहीं कर सकता।
बैठक में बंद कर दिया गया था माइक- ममता बनर्जी
बता दें कि दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक को लेकर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि उनके बोलने के पांच मिनट के अंदर ही उनका माइक बंद कर दिया गया था। इसके कारण उन्हें नीति आयोग की बैठक से बाहर आना पड़ा था। साथ ही ममता ने आरोप लगाया था कि बाकी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बैठक में ज्यादा बोलने का मौका दिया गया था।
विधानसभा में पेश किया गया विशेष नोटिस
वहीं, इस विषय पर पश्चिम बंगाल के मंत्री मानस भुनिया ने सोमवार को विधानसभा में एक विशेष नोटिस पेश किया है। मंत्री मानस भुनिया ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि 27 जुलाई को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य की ओर से बोल रही थीं, तब उनका माइक बंद कर दिया गया था।
भाषा के इनपुट के साथ