Wednesday, October 16, 2024
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जूनियर डॉक्टरों के आमरण अनशन का नौवां दिन, 3 डॉक्टर अस्पताल में भर्ती, पूर्व छात्र भी अस्पताल पहुंचे

कोलकाता और राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित सिलीगुड़ी शहर में ‘आमरण अनशन’ कर रहे जूनियर चिकित्सकों में से अब तक तीन को हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Edited By: Shakti Singh
Published on: October 13, 2024 14:43 IST
Protest- India TV Hindi
Image Source : PTI डॉक्टरों के समर्थन में नारे लगाते लोग

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना को लेकर जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन रविवार को नौवें दिन भी जारी है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोग अनशनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए “सांकेतिक उपवास” कर रहे हैं। आरजी कर अस्पताल में नाइट ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से डॉक्टर लगातार विरोध कर रहे हैं। वह पीड़िता को न्याय दिलाने और डॉक्टरों की सुरक्षा बेहतर करने की मांग कर रहे हैं।

कोलकाता और राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित सिलीगुड़ी शहर में ‘आमरण अनशन’ कर रहे जूनियर चिकित्सकों में से अब तक तीन को हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आंदोलनकारी ‘जूनियर डॉक्टर्स फोरम’ के एक नेता ने कहा, “उनकी (अनशनकारियों की) स्थिति खराब होती जा रही है, लेकिन राज्य प्रशासन बेपरवाह बना हुआ है।” इस बीच, आरजी कर अस्पताल के पूर्व छात्रों का एक समूह आमरण अनशन पर बैठे छात्रों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए 12 घंटे के प्रतीकात्मक उपवास के लिए अस्पताल पहुंच गया है। उन्हें, हालांकि अदालत के आदेश के बाद अस्पताल में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। 

जारी रहेगा अनशन

पूर्व छात्रों ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे अपने प्रस्तावित प्रतीकात्मक अनशन कार्यक्रम को जारी रखेंगे। इनमें से अधिकांश वरिष्ठ नागरिक हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद जिले में कई लोग दिन में “प्रतीकात्मक अनशन” भी रख रहे हैं। आंदोलनकारी चिकित्सकों ने लोगों से उनके मुद्दे के प्रति एकजुटता और समर्थन दिखाने के लिए रविवार को खाना न पकाने का आग्रह किया है। पिछले कुछ दिनों में जब दुर्गा पूजा उत्सव चल रहा था, बड़ी संख्या में आम लोग अनशन स्थल पर आए। 

डॉक्टरों की मांगें

कनिष्ठ चिकित्सक आरजी कर अस्पताल में बलात्कार एवं हत्याकांड की शिकार सहकर्मी के लिए न्याय, स्वास्थ्य सचिव एन.एस.निगम को तत्काल हटाने, कार्यस्थल पर सुरक्षा और अन्य उपायों की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना करने, बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, ऑन-कॉल रूम और शौचालय के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते टास्क फोर्स के गठन की मांग शामिल भी है। 

पांच अक्टूबर से शुरू हुआ अनशन

पांच अक्टूबर से शुरू हुआ आमरण अनशन दो चरणों में करीब 50 दिनों तक चले ‘काम बंद’ के बाद शुरू हुई है। उनका आंदोलन सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर ड्यूटी पर तैनात एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ नौ अगस्त को कथित तौर पर बलात्कार और हत्या के बाद शुरू हुआ था। कोलकाता पुलिस ने हालांकि अगले दिन एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से स्थिति बिगड़ने से पहले हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने आमरण अनशन कर रहे आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, राज्य के चिकित्सा प्रतिष्ठानों में 14 अक्टूबर से 48 घंटे के “आंशिक कार्य बंद” का आह्वान किया है। निजी अस्पतालों के स्वास्थ्य पेशेवरों के बैनर तले चिकित्सकों ने कहा कि सभी चिकित्सा सुविधाओं में आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। (इनपुट- पीटीआई भाषा)

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