कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अदालत का अपमान करने और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का राजनीतिक बदला लेने के लिए राज्य में चुनाव के बाद कथित हिंसा संबंधी अपनी रिपोर्ट मीडिया में लीक करने को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की बृहस्पतिवार को निंदा की। बनर्जी ने राज्य सरकार के विचार जाने बिना एनएचआरसी के निष्कर्ष पर पहुंचने को लेकर हैरानी जताई।
ममता बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘बीजेपी अब हमारे राज्य की छवि खराब करने और राजनीतिक बदला लेने के लिए निष्पक्ष एजेंसियों का सहारा ले रही है। एनएचआरसी को अदालत का सम्मान करना चाहिए था। मीडिया में रिपोर्ट के निष्कर्ष लीक करने के बजाय, उसे पहले इसे अदालत में दाखिल करना चाहिए था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप इसे बीजेपी के राजनीतिक बदले के अलावा और क्या कहेंगे? वह (विधानसभा चुनाव में) अब भी हार पचा नहीं पाई है और इसी लिए पार्टी इस तरह के हथकंडे अपना रही है।’’
राज्य में चुनाव के बाद हिंसा की कथित घटनाओं की जांच कर रही एनएचआरसी की एक समिति ने कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पश्चिम बंगाल की स्थिति कानून के शासन के बजाय शासक के कानून को दर्शाती है और उसने हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी।
बनर्जी ने कहा कि यदि उन्हें समय दे दिया गया, तो वह अगले सप्ताह दिल्ली के अपने दौरे में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलना चाहेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं हर बार चुनाव के बाद अपने पुराने एवं नए मित्रों से मिलने दिल्ली जाती हूं, इसलिए मैं इस बार भी कुछ दिन के लिए राष्ट्रीय राजधानी जाऊंगी, क्योंकि इस समय कोविड-19 संबंधी हालात नियंत्रण में हैं।’’
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