Wednesday, December 17, 2025
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपने को लेकर बढ़ रहे आगे, संघ को नहीं जीतना कोई चुनाव: मोहन भागवत

अमेरिका और चीन भी खुद को वैभवशाली कहते हैं, लेकिन हमें ऐसे वैभवशाली भारत का निर्माण करना है जो संपूर्ण दुनिया में सुख शांति ला सके।

Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Published : Jan 23, 2023 11:24 pm IST, Updated : Jan 23, 2023 11:24 pm IST
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत- India TV Hindi
Image Source : PTI राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जिस वैभवशाली भारत के निर्माण का सपना देखा था, उसी को लेकर संघ आगे बढ़ रहा है। भागवत ने कहा कि नेताजी चाहते थे कि व्यक्ति निर्माण कर समाज को सशक्त बनाया जाए और संघ भी वही कर रहा है - सच्चे मनुष्य का निर्माण। संघ प्रमुख ने कहा कि, हमें कोई चुनाव नहीं जीतना है, संघ का कोई स्वार्थ नहीं है। हमारा एक ही मकसद है- 'तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें ना रहें।' हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की जरूरत जब पड़ी, तब हंसते-हंसते अपना बलिदान दे दिया। आज हम स्वाधीन हैं। हमें बलिदान नहीं होना है, लेकिन पल पल हर क्षण देश के लिए जीना पड़ेगा।

सच्चे मनुष्य का निर्माण

स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित कोलकाता और हावड़ा महानगर के करीब दस हजार स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि जब देश में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी जा रही थी, तब कई विचारधारा के लोग थे। सबके रास्ते अलग अलग थे, लेकिन गंतव्य एक था - 'देश की स्वाधीनता।' हमने इसे हासिल तो किया लेकिन जिस वैभवशाली भारत के निर्माण का सपना नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देखा, उसी को लेकर संघ आगे बढ़ रहा है। नेताजी चाहते थे कि व्यक्ति निर्माण कर समाज को सशक्त बनाया जाए और संघ वही कर रहा है- 'सच्चे मनुष्य का निर्माण।'

अमेरिका और चीन की तरह नहीं बनना है

भागवत ने कहा कि नेताजी का विरोध करने वाले लोग भी कम नहीं थे। स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर की यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के शासन को खत्म कर हम स्वाधीन तो हो गए हैं, लेकिन अपनी ऐतिहासिकता और अपने मूल्यों को लेकर हम स्वतंत्रता की और भी आगे बढ़ें, यही नेताजी सुभाष चंद्र बोस का सपना था। जब हम वैभवशाली भारत बनाने की बात करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि धन-धान्य से संपन्न देश हो। अमेरिका और चीन भी खुद को वैभवशाली कहते हैं, लेकिन हमें ऐसे वैभवशाली भारत का निर्माण करना है जो संपूर्ण दुनिया में सुख शांति ला सके। 

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