कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगासागर मेला को राष्ट्रीय मेला का दर्जा देने की मांग की है। सीएम ममता ने कहा कि हम लंबे समय से गंगासागर को नेशनल मेला बनाने का मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र ने दर्जा अभी तक नहीं दिया। हमारी सरकार आने के बाद इस मेले का खर्चा राज्य सरकर बोर्ड से होता है। इस मेले को नेशनल मेला घोषित करने के लिए हम दस साल से कोशिश कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर डिफिकल्टी (कठिनाई) के हिसाब से देखे तो गंगासागर मेला इज वैरी टफ दैन द कुम्भ मेला यानी कुंभ मेला ज्यादा कठिन है। सीएम ने कहा कि लोग कार, बस और ट्रेन से कुंभ मेला जा सकते हैं लेकिन गंगा सागर मेला जाने के लिए मार्ग बहुत कठिन हैं।
तीर्थयात्रियों को उठानी पड़ती है ये परेशानी
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुंभ मेला करोड़ों रुपये देता है। हवाई जहाज़, रेलगाड़ियां जुड़ी हुई हैं। लेकिन गंगा सागर मेले में जाने के लिए पानी के ऊपर से होकर जाना पड़ता है। जब हम 2011 में सत्ता में आये तो कुछ भी नहीं था। तब तीर्थयात्रा टैक्स वसूला जाता था। हमारी सरकार आने के बाद सारा खर्च राज्य सरकार ने उठाया। तीर्थयात्रियों के लिए बायो टॉयलेट, आवास सभी की व्यवस्था की गई है। इंसान को पानी पार करना पड़ता है। मैं काफी समय से राष्ट्रीय मेले की घोषणा करने का प्रयास कर रही हूं।
सरकार बनवा रही है करोड़ों का ब्रिज
केंद्र सरकार से हम यह भी मांग कर रहे थे कि गंगासागर जाने के लिए ब्रिज बनाया जाए, लेकिन केंद्र सरकार ने यह ब्रिज नहीं बनाया। इसीलिए राज्य सरकार के पैसे से ब्रिज बनाई जाएगी और अगले दो-तीन साल में यह ब्रिज बन के रेडी हो जाएगा। करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपया इसमें खर्च होगा।
रिपोर्ट- ओंकार