कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की। इसके अलावा ममता बनर्जी ने राज्यपाल से राज्य में दूसरा शासन चलाने की अपनी मुहिम से दूर रहने को कहा। उन्होंने राज्यपाल की चिट्टी में लिखे कई शब्दों पर आपत्ति भी जताई है। ममता ने लिखा कि सोशल मीडिया पर अपने लगातार ट्वीट में आधिकारिक पत्र एवं ‘लोगो ’ का इस्तेमाल रोकिये। आप संवैधानिक नियमों का उपदेश दे रहे हैं, जबकि खुद उन पर अमल नहीं कर रहे। राज्यपाल और ममता बनर्जी के बीच पिछले कई दिनों में कई चिट्ठियों का आदान-प्रदान हुआ है। एक तरफ राज्यपाल ममता बनर्जी पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं तो वहीं ममता बनर्जी राज्यपाल को इन सब बातों से दूर रहने की सलाह दे रही हैं। ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है जब कोरोनावायरस जैसे संकट से पूरा देश गुजर रहा है, ऐसे में हमें अपने मूल मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।
ममता ने धनखड़ को को 14 पृष्ठों के अपने जवाब में कहा, ‘‘एक राज्यपाल से एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को इस तरह के शब्द और इस तरह की विषय-वस्तु, अभिप्राय और लहजे वाले पत्र भारत के संवैधानिक एवं राजनीतिक इतिहास में पूर्ण रूप से अभूतपूर्व हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे और मेरे मंत्रियों तथा मेरे अधिकारियों के खिलाफ आपके (राज्यपाल के) शब्द अपमानजनक, असयंमित, भयादोहन करने वाले और निंदनीय बताये जा सकते हैं।’’
इससे पहले कोरोना मरीजों और मौतों के आंकड़ों के बाद अब रेड जोन को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच जमकर तकरार हुई। केंद्र सरकार की ओर से दी गई टैली में पश्चिम बंगाल में 10 रेड जोन बताए गए हैं। इसी पर ममता सरकार ने आपत्ति जताते हुए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी और कहा कि यह बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में केवल 4 रेड जोन हैं-हावड़ा, कोलकाता, उत्तर 24 परगना और पूर्व मिदनापुर।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ने पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस से हो रही मौत और मरीजों की संख्या को लेकर कल बयान दिया । उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण से 105 लोगों की मौत का आंकड़ा बताया गया है लेकिन यह संख्या इससे कहीं ज्यादा है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हम मौत के आंकड़ों को छिपाना क्यों चाहते हैं? राज्यपाल ने कहा कि जब लोगों को यह महसूस होगा कि स्थिति विकट है तब वे और ज्यादा सावधान होंगे।