पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बेहला में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने यहां अपने संबोधन में कहा कि मुझे जितना चाहो गाली दो। सोशल मीडिया पर बदनामी का अभियान चलाने वाले लोग हैं। लेकिन बांग्ला मां को गाली मत दो। मोदी सरकार को बहुमत नहीं मिला। वह सहयोगियों के समर्थन पर चल रही है। अगर उनमें से कोई समर्थन वापस ले लेता है तो सरकार गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं झारग्राम में जब थी, तब आरजी कर अस्पताल वाली घटना हुई। मैं उस वक्त रास्ते में थी, जब मैंने सीपी से बात की। मैंने पीड़िता के माता-पिता से भी बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि पुलिस जांच करेगी और मैं चाहती हूं कि उन्हें मृत्युदंड मिले। मैंने पहले दिन जो कहा था, उस पर कायम हूं।
ममता बनर्जी बोलीं- उचित जांच के बगैर नहीं कर सकती गिरफ्तारी
ममता बनर्जी ने यहां अपने संबोधन में कहा कि मैं पीड़िता के घर गई। मैं पूरी रात स्थिति का मिनट-मिनट का जायजा ले रही थी। पुलिस अधिकारी भी पीड़िता के शव को लकेर गए और पूरी जांच जैसे डीएनए, सीसीटीवी फुटेज, सैंपल टेस्टिंग, सबकुछ किया गया और 12 घंटे के भीतर ही हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया गया। किसी भी जांच के लिए आपको समय देना होता है। मैंने रविवार तक की समयसीमा तय की थी। आप बिना उचित जांच के किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते। मैं वरिष्ठ और कनिष्ठ डॉक्टरों दोनों का सम्मान करती हूं। मैं उचित जांच के बगैर किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकती हूं। बुद्धदेव भट्टाचार्य के कार्यकाल में कई जघन्य अपराध हुए। हम पूरी तरह से हाईकोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे और हम सीबीआई के साथ सहयोग कर रहे हैं।
कांग्रेस पर ममता बनर्जी ने साधा निशाना
ममता बनर्जी के आगे कहा कि पुलिस ने पहले ही 34 लोगों को तलब किया था और लिस्ट में और भी लोग थे, लेकिन हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया और मामले को सीबीआई को सौंप दिया। कोलकाता पुलिस की एक बेहतरीन टीम मामले की जांच कर रही थी। हमें मामले का राजनीतिकरण करने के बजाय परिवार के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। दिल्ली, यूपी और हाथरस समेत कई राज्यों में हम सभी ने देखा कि क्या हुआ। हाथरस में परिवार के साथ क्रूरता से मारपीट की गई। मैं कांग्रेस से पूछना चाहती हूं कि आपके राज्य में कई घटनाएं होती हैं, आप क्या कार्रवाई करते हैं? सीपीआईएम के शासन में कई जघन्य अपराध हुए हैं और तत्कालीन सरकार चुप रही। चूंकि उस समय सोशल मीडिया नहीं था, इसलिए लोग जागरूक नहीं थे।