कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में हुई किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। ममता ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर हुई घटनाओं से उन्हें काफी दुख पहुंचा है, लेकिन इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार के असंवेदनशील रवैये को जिम्मेदार ठहराया। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता ने कहा कि किसानों को विश्वास में लिए बिना ही सरकार ने नए कृषि कानूनों को पारित कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए और इन ‘तानाशाही’ कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए।
‘दिल्ली में हुई स्थिति के लिए केंद्र दोषी’
ममता ने ट्वीट में कहा, ‘दिल्ली की सड़कों पर होने वाली चिंताजनक एवं पीड़ादायक घटनाओं से बुरी तरह व्याकुल हूं। इस स्थिति के लिए केंद्र के असंवेदनशील रवैये और हमारे किसान भाइयों एवं बहनों के प्रति उदासीनता को दोषी ठहराया जाना चाहिए। पहले तो इन कानूनों को किसानों को विश्वास में लिए बिना पारित कर दिया गया। इसके बाद पूरे भारत में और पिछले 2 महीनों से दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए किसानों के भारी विरोध के बावजूद उनसे डील करने में काफी लापरवाही दिखाई। केंद्र को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए और इन ‘तानाशाही’ कानूनों को निरस्त करना चाहिए।’
शिवसेना नेता राउत ने भी बोला था हमला
शिवसेना नेता राउत ने ट्वीट कर कहा, ‘अगर सरकार चाहती तो आज की हिंसा रोक सकती थी। दिल्ली में जो चल रहा है, उसका समर्थन कोई नहीं कर सकता। कोई भी हो लाल किला और तिरंगे का अपमान सहन नहीं करेंगे। लेकिन माहौल क्यों बिगड़ गया? सरकार किसान विरोधी कानून रद्द क्यों नहीं कर रही? क्या कोई अदृश्य हाथ राजनीति कर रहा है? जय हिंद।’ एक अन्य ट्वीट में राउत ने कहा, ‘क्या सरकार इसी दिन का बेसब्री से इंतजार कर रही थी? सरकार ने आखिर तक लाखों किसानों की बात नहीं सुनी। ये किस टाइप का लोकतंत्र हमारे देश में पनप रहा है? ये लोकतंत्र नहीं भाई, कुछ और ही चल रहा है। जय हिंद।’