पश्चिम बंगाल की सुप्रसिद्ध विश्व भारती यूनिवर्सिटी में दीवार गिराए जाने के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान सामने आया है। ममता बनर्जी ने कहा कि विश्व भारती एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है। मैं वहां कोई निर्माण नहीं चाहती जो वहां की प्राकृतिक सुंदरता को बिगाड़ दे। मैं कुलपति से डीएम और एसपी से परामर्श करने का अनुरोध करती हूं। बंगाल में ऐसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए जो बंगाल की संस्कृति और विरासत को नष्ट कर दे।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सोमवार को विश्व भारती परिसर में हंगामा हुआ। बड़ी संख्या में यहां जुटे लोगों ने पौष मेला मैदान में चारदीवारी के निर्माण का विरोध करते हुए विश्वविद्यालय की संपत्तियों की नुकसान पहुंचाया। सूत्रों ने बताया कि शरद ऋतु में सालाना इस मैदान मे ‘पौष मेला’ आयोजित होता है और विश्वविद्यालय प्रशासन ने यहां चारदीवारी निर्माण का निर्णय लिया था जो आज सुबह शुरू हुआ।
सूत्रों ने बताया कि करीब 4,000 लोग शांति निकेतन परिसर में पहुंचे और संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया और जेसीबी की मदद से विश्वविद्यालय की एक दीवार को गिराना शुरू कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तोड़फोड़ के दौरान वहां दुबराजपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक नरेश बौरी मौजूद थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
विश्व भारती के SFI नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि विद्यार्थी, आश्रम के निवासियों और अन्य पुराने विद्यार्थियों ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के ‘उपासना गृह’ के सामने विश्वविद्यालय के पौष मेला मैदान में चारदीवारी बनाकर लोगों को पहुंचने से रोकने के प्रयास के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आगे के कदम पर फैसला लेने के लिए वे बैठक करेंगे। इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और प्रवक्ता अनिर्बान सरकार से फोन पर संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल सकी।