देश भर में प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए रेलवे पछले सवा महीने से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। लेकिन कुछ राज्यों ने इसे कोरोना संक्रमण के प्रसार का मुख्य कारण मानते हुए खास रुचि नहीं दिखाई थी। इस बीच ममत बनर्जी का एक बयान सामने आया जिसमें बताया गया कि उन्होंने इन कोरोना एक्सप्रेस को कोरोना एक्सप्रेस कहा है। लेकिन अब ममता बनर्जी ने इस बयान का खंडन किया है। ममता बनर्जी ने कहा है कि मैंने श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों को कभी भी करोना एक्सप्रेस नहीं कहा। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि जनता इन ट्रेनों को कोरोना एक्सप्रेस जरूर कह रही है।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को तरजीह न देने के आरोप पर ममता ने बताया कि राज्य सरकार अब तक 11 लाख प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित अपने घर पहुंचा चुकी है। फिलहाल 30 हजार श्रमिक बाकी हैं। राज्य सरकार जल्द ही उन्हें सुरक्षित रूप से घर लाने के प्रयास कर रही है। जल्द ही उन लोगों के लिए ट्रेन की व्यवस्था करेगी।
बता दें कि मंगलवार को पश्चिम बंगाल के लिए वर्चुअल जन संवाद रैली को संबोधित करते हुये गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जमकर आलोचना की थी। शाह ने राजनीतिक हिंसा से लेकर प्रवासी मजदूरों तक कई मुद्दों पर ममता बनर्जी को निशाने पर लिया। मजदूरों की ट्रेन को कोरोना एक्सप्रेस बताने पर अमित शाह ने ममता बनर्जी से कहा कि यही बंगाल से बाहर का रास्ता दिखाएगी। लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिये केंद्र सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई थीं, उसी के नाम पर अमित शाह ने ममता बनर्जी की आलोचना की। अमित शाह ने कि हमने ट्रेनों को स्पेशल श्रमिक ट्रेन नाम दिया, लेकिन ममता बनर्जी ने उसे कोरोना एक्सप्रेस बताया। शाह ने इसे मजदूरों का अपमान बताते हुये कहा कि आप मजदूरों के घाव पर नमक छिड़क रही हैं और वे इस अपमान को भूलेंगे नहीं।