Highlights
- पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर ममता बनर्जी का पहला बयान
- अगर दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए: ममता
- 'अर्पिता मुखर्जी के साथ न तो सरकार और न ही पार्टी का कोई संबंध'
Mamata Banerjee On Partha Chatterjee Arrest: पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले में मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि मैं भ्रष्टाचार या किसी गलत काम का समर्थन नहीं करती। उन्होंने आगे कहा कि अगर दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।
सीएम ममता ने कहा, "अगर किसी ने गलती की है, तो उसे कितनी भी बड़ी सजा मिले, मुझे फर्क नहीं पड़ता। हम ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करेंगे, लेकिन एक निश्चित समय सीमा के भीतर सच्चाई के आधार पर फैसला दिया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "मैं धमकियों के आगे नहीं झुकूंगी। अगर किसी ने गलत किया है और कानून के फैसले से दोषी साबित होता है, तो वे उसके लिए जिम्मेदार होंगे।"
अर्पिता मुखर्जी को लेकर क्या बोलीं ममता?
वहीं, अर्पिता मुखर्जी को लेकर ममता ने कहा, "उस महिला (अर्पिता मुखर्जी) के साथ न तो सरकार और न ही पार्टी का कोई संबंध है...मैं उद्घाटन करने के लिए एक दुर्गा पूजा पंडाल में गई थी। बताया जा रहा है कि वहां एक महिला मौजूद थी। मैंने सुना है कि वह पार्थ चटर्जी की दोस्त है। क्या मैं भगवान हूं जो यह जान लूं कि कौन किसका दोस्त है?"
अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी ने किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने टीचर भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शनिवार को पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया है, जिनके एक ठिकाने से 21 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है।
पार्थ चटर्जी ने सीएम ममता को तीन बार किया था फोन
बताया जा रहा है कि ईडी ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था, तो उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तीन बार फोन किया था। हालांकि, सीएम ममता ने उनका फोन नहीं उठाया। इसके बाद से ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि ममता बनर्जी ने इस पूरे मामले में अपने मंत्री का नाम सामने आने के बाद उनसे किनारा कर लिया है।
कोर्ट ने गिरफ्तार करने का कोई निर्देश नहीं दिया था- पार्थ के वकील
वहीं, पार्थ चटर्जी के वकील का कहना है, हाई कोर्ट ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार करने का कोई निर्देश नहीं दिया था। वे बिना समन के उनके घर गए और 30 घंटे तक पूछताछ करते रहे। उन्हें 22 जुलाई को ईडी ने हिरासत में लिया था। अब उनकी हिरासत के तीन दिन पहले ही पूरे हो चुके हैं।"