डायमंड हार्बर (पश्चिम बंगाल): तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने हाल में भाजपा में शामिल होने वाले अपनी पार्टी के नेताओं को रविवार को कोविड-19 के रोगियों की तरह बताया, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल के साथ ‘‘धोखा’’ किया और इसे अंदर से ‘‘तबाह’’ कर रहे थे। तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा के प्रमुख ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग राजनीतिक पलटी मारकर भाजपा में शामिल हो गए ताकि सीबीआई और ईडी की परेशानी से बच सकें। वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे भी हैं।
डायमंड हार्बर के सांसद ने अपने क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पार्टी में कुछ लोग कोविड-19 के रोगी की तरह हैं। हमने उनकी गतिविधियों पर नजर रखी और उनकी पहचान की। इस तरह के वायरस से छुटकारा मिलने से हम खुश हैं जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी से छल किया और पिछले कुछ महीने से पार्टी को तबाह कर रहे थे।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 19 दिसंबर को मेदिनीपुर में रैली के दौरान राज्य के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी टीएमसी के पांच विधायकों सहित नौ विधायकों और पार्टी के एक सांसद के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग अपने स्वार्थ के लिए टीएमसी छोड़ना चाहते हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर आपमें साहस है तो अपनी पार्टी बनाईए जैसा ममता बनर्जी ने 1998 में किया था। वह भाजपा या माकपा में शामिल नहीं हुई थीं।’’
अधिकारी द्वारा बनर्जी को उगाही करने वाला बताने के जवाब में उन्होंने कहा कि उनका नाम नारद स्टिंग या अन्य घोटालों में नहीं आया है बल्कि आरोप लगाने वाले को खुद को आईने में देखना चाहिए। अधिकारी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ‘‘आपने उगाही करने वाले भाइपो (भतीजे) को हटाने का नारा दिया। नारद स्टिंग ऑपरेशन में किसका नाम आया? मैं न तो नारद स्टिंग या सारदा घोटाले में शामिल नहीं हूं। आपने राजनीतिक पलटी मार ली ताकि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों से खुद को बचा सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप साबित कर दें कि मैं कभी भी उगाही जैसी गतिविधियों में संलिप्त था तो जनता की अदालत में किसी भी सजा को स्वीकार कर लूंगा। अगर आपमें ताकत है तो मेरे खिलाफ सीबीआई या ईडी को लगाएं।’’
टीएमसी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के कोयला और पशु तस्करी में संलिप्त होने के आरोपों पर बनर्जी ने कहा, ‘‘पशु तस्करी अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हुआ है जिसकी रखवाली बीएसएफ करती है जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आता है। खदानों से कोयले की तस्करी रोकाना कोयला मंत्रालय की जिम्मेदारी है। दोनों भाजपा के अंतर्गत आते हैं। वे हमारे खिलाफ गलत आरोप क्यों लगा रहे हैं?’’