CM ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टर्स के बीच बैठक खत्म हो चुकी है। बैठक में 42 डॉक्टर शामिल हुए थे। ममता बनर्जी ने सबसे अलग-अलग बात की। बैठक खत्म होने के बाद ममता बनर्जी ने मीडिया से हुई बातचीत में कहा कि हमने जूनियर डॉक्टरों की 99% बातें मान ली है। मामले को लेकर सीबीआई जांच कर रही है। मूलत: हमने डॉक्टरों की तीन मांगें मानी है। जूनियर डॉक्टरों ने डीएमई, डीएचएस, स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग की थी। जिसके बाद हमने ये फैसला लिया है कि डीएमई, डीएचएस को पद से हटाया जाएगा।
CM ममता ने कहा कि कल शाम 4 बजे के बाद मैं कोलकाता पुलिस में बड़ा बदलाव करूंगी। यह कहते हुए ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमीश्नर को हटाए जाने की जानकारी दी, साथ ही कहा, कल नए डिप्टी कमीश्नर नियुक्त किए जाएंगे। बता दें, जूनियर डॉक्टरों ने कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमीशनर विनीत गोयल को हटाने की मांग की थी। जिन्हें हटाने के लिए सरकार राजी हो गई है। ममता ने आगे कहा कि डॉक्टर्स अपने काम पर लौट जाएं, उन पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा।
मालूम हो कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हुए। लेकिन आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं। जिन्हें मनाने के लिए ममता बनर्जी लगी हुई हैं। ममता सरकार ने जूनियर डॉक्टरों से बात करने के लिए एक बार फिर से लगातार पांचवी और आखिरी बार अपना निमंत्रण भेजा था।
ममता बनर्जी की ओर से जूनियर डॉक्टरों को भेजा गया निमंत्रण पत्र
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को एक ईमेल के जरिए सरकार की तरफ से मुख्य सचिव मनोज पंत ने निमंत्रण भेजा था। जिसमें यह कहा गया था कि, "यह पांचवीं और आखिरी बार है जब हम माननीय मुख्यमंत्री और आपके प्रतिनिधियों के बीच बैठक के लिए आपसे संपर्क कर रहे हैं। पिछले दिन की हमारी चर्चा के अनुरूप, हम एक बार फिर आपको माननीय मुख्यमंत्री के साथ उनके कालीघाट आवास पर खुले दिमाग से चर्चा के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।" इसके अलावा मनोज पंत ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 9 सितंबर के निर्देश के अनुसार जूनियर डॉक्टरों को अपने काम पर लौट जाना चाहिए। इससे पहले जूनियर डॉक्टरों से बात करने के लिए ममता बनर्जी ने पहले भी कई कोशिशें की लेकिन जूनियर डॉक्टरों ने इस जघन्य मामले में न्याय मिलने और कई शीर्ष अधिकारियों को हटाए जाने तक काम पर लौटने से इनकार कर दिया। लाइव-स्ट्रीमिंग जैसे कई मुद्दों पर असहमति के कारण राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच पहले की बैठकें रद्द कर दी गईं।
बैठक के लिए 16 सितंबर, 5 बजे का समय हुआ निर्धारित
मुख्य सचिव मनोज पंत ने इस बात पर जोर दिया कि बैठक की वीडियोग्राफी या लाइव-स्ट्रीमिंग नहीं की जाएगी। बता दें कि पिछली बैठक भी इसी वजह से रद्द की गई थी। भेजे गए ईमेल में आगे यह भी कहा गया है कि, "हमें विश्वास है कि आपसी सहमति के अनुसार तथा एक दिन पहले मीडिया को दिए गए आपके बयान के अनुसार - बैठक की कोई लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियोग्राफी नहीं होगी, क्योंकि मामला देश की सर्वोच्च अदालत में विचाराधीन है। इसके बजाय, बैठक के मिनट्स को रिकॉर्ड किया जाएगा और दोनों पक्षों द्वारा उस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।" आगे मेल में लिखा कि, "बैठक आज यानी 16 सितंबर 2024 को शाम 5 बजे माननीय मुख्यमंत्री के कालीघाट स्थित आवास पर निर्धारित है। पिछली चर्चा के लिए आए प्रतिनिधिमंडल से अनुरोध है कि वे आज शाम 4:45 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचें। हम आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया और एक उत्पादक और फलदायी चर्चा की उम्मीद करते हैं।"
दो घंटे तक जूनियर डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं ममता
मुख्यमंत्री और जूनियर डॉक्टरों के बीच पहले से तय बैठकों में नाटकीय दृश्य देखने को मिले। 12 सितंबर को डॉक्टरों ने ममता बनर्जी से मिलने के लिए राज्य सचिवालय नबन्ना गए, लेकिन बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें बताया गया कि कार्यवाही का सीधा प्रसारण नहीं किया जा सकता। ममता बनर्जी की जूनियर डॉक्टरों का इंतजार करने की तस्वीरें भी वायरल हुईं और उन्होंने कहा कि उन्होंने दो घंटे तक इंतजार किया।
बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग को सरकार ने नकारा
शनिवार को मुख्यमंत्री के राज्य स्वास्थ्य सचिवालय में डॉक्टरों के विरोध स्थल पर अचानक पहुंचने के बाद एक और बैठक की योजना बनाई गई थी। जूनियर डॉक्टर शाम 6.45 बजे उनके आवास पर पहुंचे। डॉक्टरों की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग और अधिकारियों के इनकार की वजह से उस दिन बैठक रद्द कर दी गई। डॉक्टर बारिश में मुख्यमंत्री के घर के बाहर इंतजार करते रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें बैठक की वीडियोग्राफी करने की अनुमति दी जाए। राज्य सरकार ने इससे इनकार कर दिया और कहा कि वह बैठक की रिकॉर्डिंग करेगी और बाद में डॉक्टरों को रिकॉर्डिंग प्रदान की जाएगी क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
जब डॉक्टर हुए तैयार तो सरकार ने कहा - अब तो देर हो गई
जिसके बाद ममता बनर्जी बाहर आईं और डॉक्टरों को अंदर बुलाया। उन्होंने कहा कि, "आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं, मैं आपको गुमराह नहीं करूंगी। भले ही आप बैठक में शामिल न हों, कम से कम एक कप चाय तो पी लें।" उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर उनका "अपमान" कर रहे हैं। डॉक्टरों ने जोर देकर कहा कि उन्हें रिकॉर्डिंग चाहिए। फिर उन्होंने कहा कि मैं "आपकी सभी मांगों को स्वीकार नहीं कर सकती"। उस रात बाद में, डॉक्टरों ने बैठक में शामिल होने का फैसला किया, लेकिन राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और मुख्य सचिव मनोज पंत ने उन्हें बताया कि बहुत देर हो चुकी है।
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