कलकत्ता उच्च न्यायालय के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश देने के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के इस मामले की सुनवाई करने की संभावना है। शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में, राज्य सरकार ने कहा है कि उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल, 2024 के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र को हतोत्साहित किया है।
याचिका में क्या कहा गया है?
याचिका में कहा गया है, “उच्च न्यायालय ने एक बहुत ही सामान्य आदेश में राज्य को बिना किसी दिशानिर्देश के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है, भले ही वह जनहित याचिका में याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित न हो। यह संदेशखालि क्षेत्र में किसी भी संज्ञेय अपराध की जांच करने के लिए राज्य पुलिस की शक्तियों को हड़पने के समान है।” संदेशखालि में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले के मामले की जांच पहले से ही सीबीआई कर रही है और एजेंसी ने पांच जनवरी की घटनाओं से संबंधित तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।
जांच की निगरानी अदालत द्वारा किए जाने का उल्लेख करते हुए, उच्च न्यायालय ने राजस्व दस्तावेज और कथित भूमि के भौतिक निरीक्षण का गहन निरीक्षण करने के बाद मछली पालन के लिए कृषि भूमि के जल निकायों में कथित अवैध रूपांतरण पर एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और भूमि पर कब्जा करने के आरोपों की जांच करने और सुनवाई की अगली तारीख पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय की पीठ ने मामले को अगली सुनवाई के लिए दो मई को सूचीबद्ध किये जाने का निर्देश दिया तथा उस दिन तक सीबीआई को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।
(इनपुट-भाषा)