कोलकाता: केंद्र और ट्विटर के विवाद में अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कूद पड़ी हैं। उन्होंने ट्विटर को कथित तौर पर नियंत्रित करने की बीजेपी नीत केंद्र सरकार की कोशिश की निंदा की। उन्होंने दावा किया कि केंद्र माइक्रोब्लॉगिंग साइट को प्रभावित करने में असफल होने के बाद अब उसे प्रभावहीन करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने इसकी तुलना अपनी सरकार से करते हुए कहा कि उनकी सरकार के साथ भी केंद्र ऐसा ही व्यवहार कर रहा है।
ममता बनर्जी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मैं इसकी निंदा करती हूं। वे ट्विटर को नियंत्रित नहीं कर सकते तो अब उसे प्रभावहीन करने का प्रयास कर रहे हैं। वे (केंद्र) हर उस व्यक्ति के साथ यह कर रहे हैं जिसे अपने पक्ष में नहीं ला पा रहे हैं। वे मुझे नियंत्रित नहीं कर सकते, इसलिए मेरी सरकार को भी प्रभावहीन करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
बता दें कि सोशल मीडिया साइट ट्विटर का भारत में कानूनी सुरक्षा कवच देश के सूचना प्रौद्योगिक नियमों का अनुपालन नहीं करने और नए दिशानिर्देश के तहत अधिकारियों की नियुक्ति नहीं करने से छिन गया है। अब तीसरे पक्ष की गैर कानूनी सामग्री की वजह से ट्विटर पर भी भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
वहीं, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब भारतीय कंपनियां अमेरिका या दूसरे देशों में बिजनेस करने जाती हैं क्या वो अमेरिका या दूसरे देशों के कानूनों का पालन करती हैं या नहीं? आपको भारत में व्यापार करना है, पैसे कमाने हैं तो भारत का कानून मानना ही होगा। भारत के संविधान और नियमों का पालन करना होगा।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा जारी रहने के बीजेपी के आरोपों पर बनर्जी ने कहा कि यह भगवा पार्टी की चाल है और उसके दावे पूरी तरह से आधारहीन हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में कोई राजनीतिक हिंसा नहीं हो रही है। एक-दो छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं लेकिन उन पर राजनीतिक हिंसा का ठप्पा नहीं लगाया जा सकता।’’
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